संदीप शर्मा
संदीप शर्मा
नई दिल्ली, 5 जून (आईएएनएस)। राजेश खन्ना-किशोर कुमार, अमिताभ बच्चन-सुदेश भोंसले और शाहरुख खान-अभिजीत भट्टाचार्य कुछ प्रसिद्ध अभिनेता-गायक जोड़ी हैं, जिन्होंने बॉलीवु़ड को कई हिट गाने दिए। लेकिन अब ऐसा बिरला ही होता है कि किसी गायक की आवाज को किसी एक निश्चित कलाकार की आवाज मान लिया जाए। यह कहना है संगीतकार अमित त्रिवेदी का।
उन्होंने बताया कि अब ऐसे गाने कम ही बनते हैं जिसके लिए अभिनेता-अभिनेत्रियों को उन पर अभिनय करना पड़े। वह कहते हैं कि हालांकि इससे संगीतकारों को नई आवाजों के साथ प्रयोग करने का मौका मिला है।
‘देवडी’, ‘वेक अप सिड’, ‘उड़ान’ और ‘क्वीन’ फिल्मों के संगीतकरा त्रिवेदी ने आईएएनएस से बताया, “आजकल लोग अभिनेता के पीछे के गायक बारे में अधिक जानकारी रखते हैं। पहले लोगों को लगता था कि अभिनेता-अभिनेत्री अपने गाने खुद गाते हैं। अब लोग जानते हैं कि अभिनेता-अभिनेत्री गाने पर सिर्फ अभिनय करते हैं और वास्तव में वो गाना उनके लिए किसी गायक ने गाना गाया होता है।”
उन्होंने कहा, “मैं यह भी महसूस करता हूं कि आजकल फिल्मी गानों पर अभिनय करना काफी कम हो गया है। अब किसी कलाकार को गाने पर अभिनय करते देखना काफी कम हो गया है। ऐसे गाने ही नहीं है जिस पर अभिनय किया जाए तो उनका फिल्मांकन भी मोंताज शैली में किया जाता है और गाने कहानी का ही एक हिस्सा बन जाते हैं।”
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अमित ने ‘उड़ता पंजाब’ में संगीत दिया है, जो जल्द ही रिलीज होने वाली है। वह बताते हैं, “यही कारण है कि हम (संगीतकार) विभिन्न आवाजों के साथ प्रयोग कर सकते हैं, क्योंकि अब हमें किसी स्टार की आवाज से गायक की आवाज को मिलाने की जरूरत नहीं है। अगर किसी दृश्य में अभिनय करने की जरूरत पड़ती है तो हमें उसमें आवाज का खास ख्याल रखना पड़ता है कि वो उस कलाकार की तरह लगे।”
अमित संगीत में असामान्य और नये संगीत तकनीक के इस्तेमाल के जाने जाते हैं। वह मानते हैं कि फिल्म संगीत की तुलना में निजी अल्बम के लिए काम करने में अधिक आजादी है।
वह कहते हैं, “फिल्म संगीत में हमेशा कुछ बंदिशें होती है जिनके अंदर रहकर आपको काम करना होता है और अपनी प्रतिभा दिखानी होती है। एक कलाकार को तभी आजादी मिलती है जब वह अपना खुद का अल्बम बनाता है।”