Monday , 29 April 2024

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उत्तराखंड त्रासदी : नाकाम राज्य सरकार बर्खास्त हो : सुषमा स्वराज

sushma-swarajदेहरादून: उत्तराखंड में जब फंसे हुए लोगों को निकालने का काम अंतिम दौर में है, तब अचानक ट्विटर का सैलाब चल पड़ा है। कांग्रेस और बीजेपी के बीच जैसे एक−दूसरे को जिम्मेदार और गैरजिम्मेदार बताने की प्रतियोगिता दिख रही है। बीजेपी मांग कर रही है कि विजय बहुगुणा की सरकार को बर्खास्त किया जाए तो कांग्रेस पूछ रही है कि उसे कब से सैलाब पीड़ितों की फिक्र हो गई।

दरअसल, मनीष तिवारी ने ट्वीट किया था कि क्या किसी ने दोनों सदनों में नेता विपक्ष (सुषमा स्वराज और अरुण जेटली) को उत्तराखंड के इलाके में जाते देखा या हमदर्दी जताते देखा। इस तरह की पार्टी के नेता कांग्रेसी नेताओं के दौरे की आलोचना कर रहे हैं।

इसके जवाब में सुषमा स्वराज ने भी ट्वीट्स की झड़ी लगा दी है। उन्होंने कहा कि हम उत्तराखंड इसलिए नहीं गए, क्योंकि गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने यह बयान दिया था कि हमारे दौरे से राहत के काम में बाधा होगी।

सुषमा यहीं नहीं रुकीं। उन्होंने राज्य सरकार की बर्खास्तगी की मांग कर डाली। उन्होंने लिखा, यह कहते हुए मुझे अफसोस होता है कि उत्तराखंड की सरकार संकट के समय नाकाम साबित हुई है। उसकी अक्षमता के लिए उसे बर्खास्त किया जाना चाहिए।

इस सबके बाद दिग्विजय सिंह कैसे चुप रहते। उन्होंने ट्वीट किया है कि उत्तराखंड में आई तबाही पर आरोप−प्रत्यारोप बंद होना चाहिए। अब तक एक लाख श्रद्धालुओं को निकाला जा चुका है, जो गांव पूरी तरह तबाह हो गए हैं, उन्हें दोबारा बसाना है।

वहीं कांग्रेस नेता अजय माकन ने भी लिखा है कि उत्तराखंड में चल रहे राहत और बचाव के काम में मदद करने के बजाय इस प्राकृतिक आपदा को राजनैतिक मौकापरस्ती के रूप में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

इसके बाद सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर फिर सरकार पर हमला बोला। उन्होंने लिखा कि सच्चाई यह है कि मैंने इस आपदा के बाद 18 जून को गृहमंत्री से बात की थी। इसके बाद मैंने ट्वीट भी किया था।

राहत और बचाव का पूरा काम सेना वायुसेना और आईटीबीपी ने किया। इन्होंने अपनी जान पर खेलकर यह काम किया। मैं उन्हें सलाम करती हूं। आपकी राज्य सरकार ने क्या किया कुछ नहीं। स्थानीय लोग भूख से मर रहे हैं। मारे गए लोगों को लूटा गया और आप अपनी पीठ थपथपा रहे हैं, जो इस संकट की घड़ी में शासन नहीं कर सकते उन्हें सरकार में रहने का कोई हक नहीं है।

इस मुद्दे पर बीजेपी प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि जिस समय हमारे नेता वहां राहत के लिए जा रहे थे, उस समय वे वहां राहत में परेशानी होने की दुहाई दे रहे थे।

उधर, उत्तराखंड में बाढ़ और तबाही को 15 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब भी यहां फंसे लोगों को निकाला जा रहा है। यहां के अलग-अलग इलाकों में अब भी करीब 900 लोग फंसे हुए हैं। यहां के बद्रीनाथ इलाके में करीब पांच सौ लोग फंसे हैं, जिन्हें आज निकाला जाएगा।

स्थानीय प्रशासन ने बताया कि बद्रीनाथ से रविवार करीब 1500 लोगों को निकाला गया, वहीं राज्य सरकार ने अपने अधिकारियों के साथ अब तक के राहत और बचाव के काम पर एक बैठक की, जिसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा कि करीब 3000 लोग लापता हैं, जिनकी तलाश की कोशिश की जा रही है, हालांकि मुख्यमंत्री ने यह कहा है कि इस आपदा में कितने लोगों की मौत हुई है, इसका अंदाजा अभी नहीं लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कई लोग मलबे में दबे हो सकते हैं।

वहीं केन्द्रीय गृहसचिव अनिल गोस्वामी ने कहा है कि अब हमारे सामने बड़ी चुनौती यह है कि किस तरह यहां की जिंदगी को दोबारा रास्ते पर लाया जाए। उत्तराखंड के एक हजार तीन सौ पैंतीस गांव अभी भी पूरी तरह कटे हुए हैं। इन गांवों में हेलीकॉप्टर के जरिये राशन पहुंचाया जा रहा है। वहीं उत्तराखंड के 496 गावों में बिजली नहीं है।

उत्तराखंड त्रासदी : नाकाम राज्य सरकार बर्खास्त हो : सुषमा स्वराज Reviewed by on . देहरादून: उत्तराखंड में जब फंसे हुए लोगों को निकालने का काम अंतिम दौर में है, तब अचानक ट्विटर का सैलाब चल पड़ा है। कांग्रेस और बीजेपी के बीच जैसे एक−दूसरे को जि देहरादून: उत्तराखंड में जब फंसे हुए लोगों को निकालने का काम अंतिम दौर में है, तब अचानक ट्विटर का सैलाब चल पड़ा है। कांग्रेस और बीजेपी के बीच जैसे एक−दूसरे को जि Rating:
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