Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the js_composer domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
 जम्मू कश्मीर: सुरक्षित स्थानांतरण की मांग कर रहे कश्मीरी हिंदू कर्मचारियों का वेतन रोकने के आदेश जारी किए गए | dharmpath.com

Tuesday , 17 June 2025

Home » भारत » जम्मू कश्मीर: सुरक्षित स्थानांतरण की मांग कर रहे कश्मीरी हिंदू कर्मचारियों का वेतन रोकने के आदेश जारी किए गए

जम्मू कश्मीर: सुरक्षित स्थानांतरण की मांग कर रहे कश्मीरी हिंदू कर्मचारियों का वेतन रोकने के आदेश जारी किए गए

September 23, 2022 9:16 pm by: Category: भारत Comments Off on जम्मू कश्मीर: सुरक्षित स्थानांतरण की मांग कर रहे कश्मीरी हिंदू कर्मचारियों का वेतन रोकने के आदेश जारी किए गए A+ / A-

जम्मू: जम्मू कश्मीर प्रशासन ने आतंकवादियों द्वारा अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर की जाने वाली हत्याओं (Targeted Killings) के बीच कश्मीरी हिंदू कर्मचारियों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करने की मांग को लेकर महीनों से घाटी में प्रदर्शन कर रहे ऐसे कर्मचारियों के वेतन पर रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं.

कश्मीर के श्रम विभाग और अतिरिक्त उपायुक्त, अनंतनाग ने घाटी में हड़ताल पर गए कश्मीरी हिंदू कर्मचारियों के वेतन को रोकने के आदेश बुधवार (21 सितंबर) को जारी किए.

उप श्रम आयुक्त (डीएलसी), कश्मीर अहमद हुसैन भट ने अपने आदेश में घाटी के जिलों के सभी सहायक श्रम आयुक्तों को सितंबर के लिए हड़ताली कर्मचारियों के वेतन को रोकने का निर्देश दिया.

भट ने कहा कि प्रधानमंत्री पैकेज के तहत भर्ती ऐसे हड़ताली कर्मचारियों को सितंबर (2022) महीने का वेतन नहीं जारी किया जाना चाहिए, जो इस महीने में अनुपस्थित रहे हैं.

ऐसा ही आदेश एडीसी, अनंतनाग की ओर से जारी किया गया है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, प्रशासन के इस आदेश से नाराज हड़ताली कर्मचारियों ने अपना आंदोलन तेज कर दिया, जो गुरुवार को 133वें दिन में प्रवेश कर गया. कर्मचारियों ने इसे ‘उत्पीड़न’ करार दिया और आरोप लगाया कि उनके आंदोलन को समाप्त कराने के लिए यह कदम उठाया गया.

‘भारत माता की जय’, ‘वी वांट जस्टिस’ और ‘वी वांट रिलोकेशन’ के नारों के बीच सैकड़ों कर्मचारियों ने ऑल माइग्रेंट (विस्थापित) कर्मचारी संघ कश्मीर (एएमईके) के बैनर तले विरोध प्रदर्शन किया.

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह समुदाय के उत्पीड़न की दिशा में एक कदम है. यह हमारे खिलाफ साजिश है.

जम्मू में प्रदर्शन कर रहे एक व्यक्ति ने संवाददाताओं से कहा, ‘हमने कश्मीर में पिछले 10 वर्षों से ईमानदारी से अपनी ड्यूटी की, जब तक कि राहुल भट जैसे हमारे कर्मचारियों की निशाना बनाकर की गईं हत्याओं ने घाटी में हमारे समुदाय के कर्मचारियों के जीवन और सम्मान को खतरे में नहीं डाला.’

एक अन्य कर्मचारी ने कहा, ‘हमारा अपराध क्या है? हमने बहुसंख्यक समुदाय के बच्चों को 10 साल तक पूरी ईमानदारी से पढ़ाया है. हमें क्यों निशाना बनाया और मारा जा रहा है.’

कर्मचारियों ने कहा कि एक तरफ उन्हें आतंकी संगठनों से जान से मारने की धमकी वाले पत्र मिल रहे हैं तो दूसरी तरफ उन्हें काम पर आने के लिए मजबूर किया जा रहा है और आतंकियों का निशाना बनने का जोखिम उठाया जा रहा है.

आंदोलनकारियों के नेताओं में से एक ने कहा, ‘कृपया हमें सुरक्षा प्रदान करें, जो आपका प्रमुख कर्तव्य है. आप हमें इन आदेशों से क्यों धमका रहे हैं? हमें अपनी तनख्वाह या किसी और चीज के रुकने का डर नहीं है. अगर हमारे जीवन को खतरा है, तो हम नौकरी छोड़ देंगे.’

उन्होंने कहा, ‘हम सरकार से कहना चाहते हैं कि आप हमें और हमारे परिवारों को प्रताड़ित नहीं कर सकते.’

प्रधानमंत्री के विशेष पुनर्वास पैकेज के तहत भर्ती किए गए और कश्मीर घाटी के विभिन्न हिस्सों में तैनात कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने कहा कि वे आतंकवादियों के लिए आसान लक्ष्य हैं और सरकार उन्हें बचाने में विफल रही है.

लगभग 4,000 कश्मीरी पंडितों ने प्रधानमंत्री के रोजगार पैकेज के तहत अपने चयन के बाद घाटी में विभिन्न विभागों में काम करना शुरू कर दिया था.

वे अपने सहयोगी राहुल भट की हत्या के बाद से घाटी के बाहर स्थानांतरण की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं.

12 मई 2022 को बडगाम जिले के चादूरा तहसील कार्यालय में कार्यरत कश्मीरी पंडित कर्मचारी राहुल भट्ट की उनके दफ्तर में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.

जम्मू कश्मीर में बीते महीनों से आतंकियों द्वारा निशाना बनाकर की जा रहीं हत्याओं में कई कश्मीरी पंडित और अप्रवासी जान गंवा चुके हैं. इस साल आतंकवादियों द्वारा अब तक लगभग 14 आम नागरिकों और छह सुरक्षाबलों को इसी तरह मारा गया है.

सैकड़ों कर्मचारी पहले ही जम्मू लौट चुके हैं और राहत आयुक्त के कार्यालय में नियमित विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जबकि कश्मीर में उनके सहयोगी घाटी के भीतर सुरक्षित क्षेत्रों में स्थानांतरित करने के आश्वासन और सरकार द्वारा गतिरोध को समाप्त करने के लिए बार-बार प्रयास करने के बावजूद विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

जम्मू कश्मीर: सुरक्षित स्थानांतरण की मांग कर रहे कश्मीरी हिंदू कर्मचारियों का वेतन रोकने के आदेश जारी किए गए Reviewed by on . जम्मू: जम्मू कश्मीर प्रशासन ने आतंकवादियों द्वारा अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर की जाने वाली हत्याओं (Targeted Killings) के बीच कश्मीरी हिंदू कर्मचारियों को सुरक जम्मू: जम्मू कश्मीर प्रशासन ने आतंकवादियों द्वारा अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर की जाने वाली हत्याओं (Targeted Killings) के बीच कश्मीरी हिंदू कर्मचारियों को सुरक Rating: 0
scroll to top