भोपाल: वर्ष 2011 में मध्य प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार ने आठ जुलाई को एक अध्यादेश जारी करके सभी शासकीय आयोजनों और स्कूल-कॉलेजों में ‘मध्यप्रदेश गान’को गाना अनिवार्य कर दिया था. उस समय मध्यप्रदेश के गान पर एमपी के राजनीतिक दल और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मध्यप्रदेश गान को अनिवार्य बनाए जाने के फ़ैसले पर सवाल उठाए थे.मध्य प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री (Chief Minister of Madhya Pradesh) मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Fomer CM Shivraj Singh Chouhan) की लंबे समय से चली आ रही परंपरा को तोड़ दिया है. दरअसल तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में सभी शासकीय कार्यक्रमों की शुरुआत मध्य प्रदेश गान के साथ होती थी और उसमें सभी लोग खड़े होकर मध्य प्रदेश गान करते थे, लेकिन गुरुवार को रवींद्र भवन में मध्य प्रदेश राज्य सिविल सेवा में चयनित अभ्यार्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान करने तथा उनके उन्मुखीकरण कार्यक्रम में सीएम मोहन यादव पहुंचे और जैसे ही मंच से अनाउंस किया गया कि मध्य प्रदेश गान होगा, जिसके लिए सभी लोग अपनी जगह पर खड़े हो जाए तब मंच पर कुर्सी पर बैठे मोहन यादव ने उद्घोषिका को इशारे से कहा कि खड़े होने की जरूरत नहीं है बैठे रहे. इसके बाद मध्य प्रदेश गान हुआ और सभी लोगों ने बैठकर उसको सुना.
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