अक्रा, 27 सितंबर (आईएएनएस)। वैश्विक परामर्श कंपनी केपीएमजी के मुताबिक, अफ्रीका में कृषि क्षेत्र में बेशुमार अवसर हैं।
अक्रा, 27 सितंबर (आईएएनएस)। वैश्विक परामर्श कंपनी केपीएमजी के मुताबिक, अफ्रीका में कृषि क्षेत्र में बेशुमार अवसर हैं।
कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अफ्रीका में कृषि क्षेत्र की संभावना का पूरा दोहन नहीं हुआ है और तकनीक, बाजार तथा छोटे किसानों को कर्ज की उपलब्धता बढ़ाने के लिए कोशिश किए जाने की जरूरत है।
इस रिपोर्ट में वाणिज्यिक कृषि को बढ़ावा देने के लिए विदेशी निवेश को आकर्षित करने वाली सरकारी नीति की भी जरूरत बताई गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है, “महादेश में कृषि क्षेत्र में विकास की अकूत संभावना है।”
केपीएमजी ने कहा कि भारत अफ्रीका के साथ 70 अरब डॉलर का व्यापार लक्ष्य हासिल करना चाहता है और कृषि में निवेश इसमें योगदान कर सकता है।
केपीएमजी ने कहा, “दुर्भाग्यवश (अफ्रीका) महादेश में अधिकतर सरकारों के पास पैसे की कमी है। इसके कारण कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए जरूरी कोष समय पर उपलब्ध नहीं पाता है।”
रिपोर्ट के मुताबिक, अफ्रीका में असिंचित भूमि का एक बड़ा अनुपात मौजूद है और इसलिए सिंचाई, ऊर्वरक इस्तेमाल तथा उन्नत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काफी गुंजाइश है।
महादेश में दुनिया की समस्त सिंचित भूमि का एक चौथाई से अधिक हिस्सा मौजूद है, फिर भी महादेश दुनिया के कुल कृषि उत्पादन में सिर्फ 10 फीसदी का योगदान करता है और खाद्य वस्तुओं का शुद्ध आयातक है।
अलायंस फॉर ग्रीन रिवोल्यूशन इन अफ्रीका ने भी कहा है, “अफ्रीका के कृषि उत्पादन का मूल्य 280 अरब डॉलर है, जिसे 2030 तक 800 अरब डॉलर तक पहुंचाया जा सकता है।”
इसके मुताबिक, “कृषि अफ्रीका में 14 से 24 वर्ष के 20 करोड़ युवाओं को आजीविका का अवसर उपलब्ध करा सकता है।”
वैश्विक लेखापरीक्षण कंपनी प्राइसवाटरहाउसकूपर्स (पीडब्ल्यूसी) ने भी कहा है, “इस महादेश में दुनिया की कुल असिंचित भूमि का करीब 60 फीसदी मौजूद है और यह प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न है।”
पीडब्ल्यूसी ने कहा कि इस क्षेत्र में निवेश के लिए पैसे की कमी भी एक समस्या है। इसलिए महादेश की एक सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था नाइजीरिया वाणिज्यिक कृषि के विकास के लिए चीन से मदद ले रहा है।
नाइजीरिया के कृषि मंत्रालय के स्थायी सचिव सोनी इकोनो ने कहा कि चीन का कृषि विकास मॉडल नाइजीरिया के कृषि सुधार एजेंडा से मिलता-जुलता है और नाइजीरिया धान और कसावा मिलों में सुधार के लिए काम कर रहा है।
पीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया है कि अफ्रीका में कृषि के विकास के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी हर स्तर पर जरूरी है।
अगले महीने दिल्ली में भारत-अफ्रीका फोरम सम्मेलन होने वाला है। यह सम्मेलन अफ्रीका के कृषि क्षेत्र में भारतीय निवेश बढ़ाने का एक अवसर हो सकता है।