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आरबीआई की दर में 50 आधार अंक कटौती की उम्मीद

नई दिल्ली, 28 सितम्बर (आईएएनएस)। वैश्विक आर्थिक सुस्ती के बीच उद्योग जगत को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मंगलवार 29 सितंबर को होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में मुख्य दरों में 50 आधार अंकों की कटौती की उम्मीद है।

एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) के महासचिव डी.एस. रावत ने कहा, “निजी कंपनियों के ऊंचे कर्ज के कारण समस्या बढ़ गई है, क्योंकि उन्हें कर्ज की वापसी करनी पड़ती है।”

उन्होंने कहा, “छोटी कटौती की जगह कम से कम 50 आधार अंकों की कटौती की जानी चाहिए और बैंकों को इस कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने का स्पष्ट संदेश दिया जाना चाहिए।”

एसोचैम ने कहा कि आरबीआई का ध्यान महंगाई दर पर रहा है, जबकि औद्योगिक उत्पादन, अवसंरचना और सेवा क्षेत्रों के विकास पर ध्यान देने का समय आ गया है।

अगस्त में उपभोक्ता महंगाई दर 3.66 फीसदी दर्ज की गई है, जो आरबीआई के जनवरी 2016 के लिए तय किए गए लक्ष्य से दो प्रतिशतांक कम है।

थोक महंगाई दर भी अगस्त में नकारात्मक 4.95 फीसद दर्ज की गई है।

एसोचैम ने कहा कि महंगाई दर में लगातार गिरावट से विनिर्माण कंपनियों की मूल्य तय करने की क्षमता पर बुरा असर पड़ा है।

अगस्त में औद्योगिक उत्पादन 0.4 फीसदी कम रहा, जिसमें जुलाई में 0.9 फीसदी तेजी रही थी।

दरों में कटौती से निवेशकों को विश्वास बढ़ेगा और वाहन, पूंजीगत वस्तुओं और रियल एस्टेट में बिक्री बढ़ेगी।

शेयर बाजार और मुद्रा बाजार के निवेशकों को भी आरबीआई से दर कटौती की उम्मीद है।

जायफिन एडवाइजर्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी देवेंद्र नेवगी ने आईएएनएस से कहा, “बाजार को शिद्दत से आरबीआई की समीक्षा का इंतजार है। साधारण तौर पर 25 आधार अंकों की कटौती की उम्मीद है।”

अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी फिच की कंपनी इंडिया रेटिंग एंड रिसर्च ने कहा, “निवेशकों की दरों में कटौती की उम्मीद इस बात से तय होगी कि आरबीआई भविष्य का मूल्यांकन किस प्रकार से करता है।”

उद्योग जगत को इस साल दरों में कटौती की यह आखिरी उम्मीद है, क्योंकि आने वाले महीनों में महंगाई दर में वृद्धि देखी जा सकती है। आगे कटौती की उम्मीद इस कारण भी नहीं है कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता का हवाला देते हुए पिछले दिनों अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने अपनी दर में वृद्धि नहीं करने का फैसला किया।

आरबीआई की दर में बड़ी कटौती करने के बाद यदि फेड की दर बढ़ाई जाती है, तो इससे भीषण स्थिति पैदा हो सकती है और विदेशी निवेशक बड़े पैमाने पर बिकवाली कर सकते हैं।

आनंद राठी फाइनेंशियल सर्विसिस के मुद्रा विनिमय क्षेत्र के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हीरेन शर्मा ने आईएएनएस से कहा, “सभी की नजरें आरबीआई की नीति समीक्षा पर टिकी हैं। बाजार ने पहले ही 25 आधार अंकों की कटौती के अनुरूप खुद का समायोजित कर लिया है। 50 आधार अंक की कटौती हालांकि एक सुखद आश्चर्य होगा और इससे शेयर बाजार पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा और रुपये में भी मजबूती आएगी।”

उल्लेखनीय है कि रुपये में गिरावट देखी जा रही है। गुरुवार को इसमें लगातार चौथे दिन डॉलर के मुकाबले गिरावट रही और यह 17 पैसे गिर कर 66.16 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

नेवगी ने कहा, “उभरते बाजारों में माहौल कमजोर है और उभरते बाजारों की मुद्राओं में कमजोरी दर्ज की गई है। इस कटौती से देश के बाजार में मजबूती आएगी।”

आरबीआई की दर में 50 आधार अंक कटौती की उम्मीद Reviewed by on . नई दिल्ली, 28 सितम्बर (आईएएनएस)। वैश्विक आर्थिक सुस्ती के बीच उद्योग जगत को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मंगलवार 29 सितंबर को होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा म नई दिल्ली, 28 सितम्बर (आईएएनएस)। वैश्विक आर्थिक सुस्ती के बीच उद्योग जगत को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मंगलवार 29 सितंबर को होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा म Rating:
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