नई दिल्ली, 21 अप्रैल (आईएएनएस)। भारत के लोक सेवा प्रसारक दूरदर्शन (डीडी)ने अपनी आर्काइवल महत्व की विषय-वस्तु को शैक्षणिक डीवीडी के रूप में शेयर करने और उसका प्रसार करने के लिए एनसीईआरटी के साथ गठबंधन किया है। दूरदर्शन ने विद्यालयों में कला शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए यह फैसला लिया है।
प्रक्रिया शुरू करने के लिए पहले चरण में मंगलवार को दूरदर्शन और एनसीईआरटी के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए।
एक बयान के मुताबिक, “एनसीईआरटी की नई परियोजना का उद्देश्य ‘नृत्य, संगीत और रंगमंच से संबंधित अध्यापक पुस्तिका’ प्रकाशित करना है, जिसमें मल्टी-मीडिया पैकेज और डीवीडी का भी प्रयोग किया जाएगा।”
आधिकारिक बयान के अनुसार, “यह प्रयास अध्यापकों और विद्यार्थियों को समर्पित है जोकि विद्यालयों में संगठित और प्रभावी ढंग से कला का प्रसार करने में बहुआयामी उपाय के रूप में कार्य करेगा।”
प्रारंभिक रूप से यह समझौता तीन साल की अवधि के लिए होगा और इसको आपसी सहमति से बढ़ाया भी जा सकता है।
परियोजना के प्रारंभिक चरण में भारत के रंगमंच, भारत के राष्ट्रीय प्रतीक, भारतीय शास्त्रीय संगीत (गायन और वादन) तथा लोक संगीत और नृत्य शामिल होंगे।
दूरदर्शन और एनसीईआरटी के बीच भागीदारी की प्रमुख विशेषताएं :
* एनसीईआरटी डीडी-आर्काइव्स के पास उपलब्ध कार्यक्रमों की पहचान कर उन तक अपनी पहुंच बनाएगा।
* दूरदर्शन परियोजना के लिए उपलब्ध कराई गई कार्यक्रम सामग्री के लिए एनसीईआरटी से कोई प्रभार नहीं लेगा।
* दूरदर्शन एनसीईआरटी द्वारा अभिज्ञात कार्यक्रमों को फिर से प्रासंगिक बनाएगा, दोबारा से संगठित करेगा, उनका निर्माण करेगा और इन सेवाओं के लिए एनसीईआरटी द्वारा दूरदर्शन को भुगतान किया जाएगा।
* एनसीईआरटी अंतिम विषय-वस्तु का अपनी लागत पर प्रसार करेगा और उसका वाणिज्यिक तौर पर उपयोग नहीं करेगा।