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पर्यटकों को लुभाएंगे बुंदेलखंड के तालाब (फोटो सहित)

झांसी, 19 अगस्त (आईएएनएस)। बुंदेलखंड की पहचान देश और दुनिया में सूखा, पलायन और बेरोजगारी की है, मगर यहां रमणीक पर्यटन स्थल भी कम नहीं हैं। झांसी और उसके आसपास के तालाबों तथा बांधों के जरिए पर्यटकों को लुभाने की पहल उत्तर प्रदेश पर्यटन विकास निगम ने की है। इसके लिए एक टूर पैकेज तैयार किया गया है।

झांसी, 19 अगस्त (आईएएनएस)। बुंदेलखंड की पहचान देश और दुनिया में सूखा, पलायन और बेरोजगारी की है, मगर यहां रमणीक पर्यटन स्थल भी कम नहीं हैं। झांसी और उसके आसपास के तालाबों तथा बांधों के जरिए पर्यटकों को लुभाने की पहल उत्तर प्रदेश पर्यटन विकास निगम ने की है। इसके लिए एक टूर पैकेज तैयार किया गया है।

बुंदेलखंड भले ही सूखा के लिए बदनाम हो, मगर यह भी उतना ही सच है कि इस इलाके में जितने तालाब और बांध हैं, उतने शायद ही देश के किसी दूसरे हिस्से में हों। ललितपुर इकलौता ऐसा जिला है, जहां सात बांध हैं। मानसून के मौसम में तालाब और बांधों का नजारा ही निराला होता है, क्योंकि हिलेारें मारता पानी और लहरें सम्मोहित कर लेती हैं। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश के पर्यटन विकास निगम के झांसी स्थित वीरांगना होटल के प्रबंधन ने एक टूर पैकेज तैयार किया है।

टूर पैकेज के तहत महज 375 रुपये खर्च करने पर एक पर्यटक न केवल कई तालाबों और बांधों का नजारा देख सकेगा, बल्कि नौकायन (बोटिंग) का भी मजा ले पाएगा।

वीरांगना होटल के प्रबंधक मुकुल गुप्ता ने आईएएनएस को बताया कि झांसी और ललितपुर जिले के सुकवां-ढुकवां, माताटीला बांध और तालबेहट स्थित मानसरोवर तालाब का चयन किया गया है। यहा पर्यटकों को एक वातानुकूलित मिनी बस से ले जाया जाएगा। इस दौरान मिनरल पानी, पर्यटन से संबंधित साहित्य, टोल टैक्स, बोटिंग, जीएसटी आदि पैकेज में शामिल है। तालबेहट के सरोवर में नौकायन के बेहतर इंतजाम हैं, जहां लोग सुरक्षित तरीके से नौकायन का आनंद ले सकेंगे।

गुप्ता बताते हैं कि बुंदेलखंड में कई ऐसे स्थान हैं, जहां पर्यटकों को ले जाया जा सकता है। जो एक बार वहां हो आएगा उसका न केवल दोबारा जाने का मन करेगा, बल्कि वह अपने परिचितों को भी वहां भेजेगा। जो पैकेज तैयार किया गया है, उसमें लगभग सात से आठ घंटे का समय लगेगा, यात्रा लगभग डेढ़ सौ किलो मीटर की होगी। इस पैकेज में भोजन शामिल नहीं है, पर्यटक अपनी सुविधा के अनुसार घर से भोजन ले जा सकता है या मांग पर उसे उपलब्ध कराया जाएगा।

वर्तमान में जो टूर पैकेज बनाया गया है, उसके चलते पर्यटकों को बेतवा नदी पर बने बांध तो देखने को मिलेंगे ही, साथ में बेतवा नदी का बहाव भी उन्हें रोमांचित कर देगा। कई बांधों और तालाबों का जलस्तर काफी बढ़ गया है, वहीं नदी का जलस्तर भी बढ़ा हुआ है।

इस पैकेज के तहत यात्रा करने वालों को तालबेहट के सरोवर में बोटिंग का आनंद दिलाया जाएगा। नगर पंचायत की अध्यक्ष मुक्ता सोनी का कहना है, “पर्यटकों को लुभाने की यह कोशिश क्षेत्र के लिए एक नई उम्मीद जगाने वाली होगी। तालबेहट के सरोवर पर बोट क्लब है। वहां मोटर बोट, पैडिल बोट, नौका आदि उपलब्ध हैं। इसके साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से लाइव जैकेट के साथ गोताखोर भी मौके पर मौजूद रहते हैं। प्रशिक्षित लोगों का अमला सरोवर पर तैनात रहता है।”

बुंदेलखंड वह इलाका है, जो उत्तर प्रदेश के सात और मध्य प्रदेश के छह जिलों को मिलाकर बनता है। इस क्षेत्र में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों के साथ धार्मिक स्थलों की भरमार है। इन स्थलों पर पर्यटकों को भ्रमण कराया जा सकता है, मगर दोनों राज्यों के पर्यटन विकास निगम से नाता रखने वालों ने कभी भी इस महत्व को नहीं पहचाना। इस इलाके में पर्यटन एक उद्योग के तौर विकसित हो सकता है। यहां के चित्रकूट में भगवान राम ने वनवास काटा था, राम का प्रमुख मंदिर ओरछा में है, आल्हा-ऊदल की नगरी महोबा के किस्से कहीं भी सुनने को मिल जाएंगे।

दुनिया में पाषाण कला के लिए विशिष्ट तौर पर पहचाना जाने वाला खजुराहो भी इसी इलाके में है। रानी लक्ष्मीबाई का किला और पन्ना में जुगल किशोर का मंदिर है। उसके बावजूद यह इलाका उपेक्षाओं का शिकार है। अब पहली पहल झांसी से हुई है, उम्मीद की जाना चाहिए कि यह सफल होगी और आगे बढ़ेगी।

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