Friday , 26 April 2024

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बिहार : उदीयमान सूर्य को अघ्र्य के साथ ‘चैती छठ’ संपन्न

पटना, 24 मार्च (आईएएनएस)। लोक आस्था का महापर्व ‘चैती छठ’ शनिवार सुबह उदीयमान भगवान भास्कर को अघ्र्य के साथ ही संपन्न हो गया। चार दिवसीय इस अनुष्ठान के अंतिम दिन सूर्य को अघ्र्य देने के बाद व्रतियों ने अन्न जल ग्रहण कर ‘पारण’ किया।

पटना, 24 मार्च (आईएएनएस)। लोक आस्था का महापर्व ‘चैती छठ’ शनिवार सुबह उदीयमान भगवान भास्कर को अघ्र्य के साथ ही संपन्न हो गया। चार दिवसीय इस अनुष्ठान के अंतिम दिन सूर्य को अघ्र्य देने के बाद व्रतियों ने अन्न जल ग्रहण कर ‘पारण’ किया।

राजधानी पटना के विभिन्न घाटों, मंदिरों में बने तालाबों और अपने घरों की छतों पर भी व्रतियों ने उदीयमान भगवान भास्कर को अघ्र्य देकर पूजा-अर्चना की। सुबह विभिन्न नदियों और तालाबों में अघ्र्य देने के लिए लोग घरों से निकले। इस दौरान मुख्य मार्गो से लेकर गली-मोहल्ले की सड़कों पर छठ के पारंपरिक गीत गूंजते रहे। छठ को लेकर गंगा के घाटों की विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।

21 मार्च की सुबह नहाय-खाय के साथ चैती छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान प्रारंभ हुआ था।

छठव्रतियों के साथ-साथ उनके परिवार के लोग भी काफी संख्या में गंगा नदी किनारे बने छठ घाटों तक पहुंचे। रातभर छठ घाटों पर बिल्कुल उत्सव सा नजारा दिखने को मिला। सभी घाटों को बड़ी खूबसूरती के साथ सजाया गया था।

उल्लेखनीय है कि महापर्व छठ साल में दो बार यानी कार्तिक और चैत्र माह में होता है, जिसमें लोग भगवान भास्कर की अराधना करते हैं। चैत्र छठ कम ही लोग मनाते हैं। कार्तिक माह में यह महापर्व बड़ी संख्या में लोग मनाते हैं।

औरंगाबाद के देव सूर्य मंदिर और उलार सूर्य मंदिर में छठ के मौके पर बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।

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