भोपाल– जैसे नगर निकायों के चुनावों के दिन नजदीक आ रहे है चुनावी माहौल में गर्मी और परिवर्तन दोनों दिखाई पड़ रहा है,सबसे महत्वपूर्ण बात है की मुख्यमंत्री को इस निकाय चुनाव में अपना रोड-शो करना पड़ा और वह भी राजधानी में यहीं तक रहता तो ठीक था उनकी पत्नी साधना सिंह को भी प्रचार में सड़क पर आना पड़ा.
अब इसके पीछे या तो यह है की भाजपा के सर्वे में यह बात सामने आई है की आलोक शर्मा का जीतना कठिन है या फिर यह की क्या शिवराज फिर से साधना सिंह को चुनावी मैदान में उतारेंगे.ज्यादा संभावना सूत्र इस बात पर जता रहे हैं की भोपाल नगर-निगम की महापौर सीट अब अटक गयी है और शिवराज को इसका गुमान हो गया है अतः इसे निकालने की कोशिश में पूरा कुनबा जुट गया है लेकिन जमीनी कार्यकर्ता गायब है.
वार्ड 46 को ही लें तो भाजपा प्रत्याशी सुनील पाण्डे की जीत तय मानी जा रही थी लेकिन पिछले दिन से हवा बदली-बदली नजर आ रही है.भाजपा का बागी प्रत्याशी मोनू गोहल का पलड़ा मजबूत दिखने लगा है.ऐसा संकेत कई वार्डों में देखने में आ रहा है इससे भाजपा महापौर प्रत्याशी की उलझन और बढ़ गयी है क्योंकि पहले यह सीट भाजपा के लिए कंटक रहित मानी जा रही थी.
अब आने वाले समय में ऊंट किस करवट बैठता है यह तो चुनावी नतीजे बतलायेंगे लेकिन हवा भाजपा के पक्ष से विपरीत बहती जा रही है यह अब दिखने लगा है.