(खुसुर-फुसुर)– भोपाल के एक रसीद कटवा कर बने नेताजी पार्टी से निलंबित किये गए.चर्चा है की संगठन इनके तेवरों से तंग आ गया था और मौके की तलाश में था.बड़ी सी गाडी में इनके सिवा वर्षों से कोई दूसरा समर्थक नहीं देखा गया और ये महाशय अपने को जन-नेता प्रदर्शित करने में कोई कसर नहीं छोड़ते थे.सूत्रों ने बताया की इन्होने फेसबुक पर तो अभी लिखा पूर्व में जब इनकी हसरतें पूरी नहीं होती दिखती थीं तब ये पार्टी कार्यालय में ही भोपाली शब्दों की बौछार करने में संकोच नहीं करते थे.
संगठन के हित-चिंतकों के राडार पर महाशय बहुत दिनों से थे ,पैनालिस्ट पद को प्रवक्ता लिखवाना इनका शौक था तथा प्रवक्ता कक्ष में ऐसे एंगल से इलेक्ट्रोनिक चैनलों को बयान देने में ये सिध्हस्त थे जिसकी पृष्ठभूमि में प्रवक्ता कक्ष का भाजपा बैनर आता हो और प्रतीत होता हो की महाशय ही प्रवक्ता पद को सुशोभित कर रहे हैं.
खैर खबरनवीसों को क्या लेना-देना इन सब से लेकिन संगठन के लिए संकेत है देर आये,दुरुस्त आये.लेकिन खुसुर-फुसुर यह है की कार्यवाही के मामले में संगठन का दोहरा चरित्र सामने आया है.