लखनऊ, 13 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र शुक्रवार से शुरू हो रहा है। मुख्य विपक्षी दल बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा करते हुए पूछा है कि सरकार बताए कि 22 हजार करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट लाने का क्या औचित्य है?
लखनऊ, 13 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र शुक्रवार से शुरू हो रहा है। मुख्य विपक्षी दल बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा करते हुए पूछा है कि सरकार बताए कि 22 हजार करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट लाने का क्या औचित्य है?
विधान परिषद में बसपा के नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने गुरुवार को पत्रकारों से कहा, “सामान्य तौर जब सरकार के पास धन की कमी होती है तो वह अनुपूरक बजट पेश करती है। यहां स्थिति बिल्कुल अलग है।”
बसपा नेता ने कहा कि जब उप्र में किसी विभाग का बजट पूर्ण रूप से खर्च नहीं हुआ है। कई विभाग ऐसे हैं, जिसका बजट नाम मात्र का ही खर्च हुआ है, फिर अनुपूरक बजट क्यों लाया जा रहा है?
इस बीच विधानसभा में विपक्ष के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने भी कहा कि उप्र में कानून-व्यवस्था व किसानों के मुद्दे को लेकर पार्टी सरकार को सदन में घेरने का प्रयास करेगी। मौर्य ने कहा, “सरकार को जनहित से जुड़े मुद्दों पर सदन में जवाब देना होगा।”
यह पूछे जाने पर कि क्या नोएडा प्राधिकरण के निलंबित चीफ इंजीनियर यादव सिंह से जु़ड़ा भ्रष्टाचार का मुद्दा पार्टी सदन में उठाएगी, इस पर मौर्य ने कहा, “इस मामले की जब सीबीआई जांच कर रही है तो इस पर कुछ बोलने का औचित्य नहीं है।”
उल्लेखनीय है कि यादव सिंह पूर्ववर्ती मायावती शासन में भी सत्ताधारियों से करीबी रिश्ते बनाए हुए थे, जिसका उन्हें भरपूर लाभ मिला था। काली कमाई से धनकुबेर बने यादव सिंह पर मौजूद सरकार भी मेहरबान है। उसे सीबीआई जांच से बचाने के लिए अखिलेश सरकार सर्वोच्च न्यायालय तक चली गई थी।
उप्र विधानमंडल का मानसून सत्र शुक्रवार से शुरू हो रहा है। यह सत्र काफी हंगामाखेज होने की उम्मीद है।