क्विंघाई प्रांत में स्थित गोमांग और चांगजियांग गांव बुधवार को आखिरकार बिजली की रोशनी से नहा गए। चीन में यह दोनों ही गांव ऐसे थे, जहां अब तक बिजली नहीं पहुंच सकी थी।
क्विंघाई विद्युत कंपनी की कम्युनिस्ट पार्टी के अध्यक्ष शी शुएकियान ने बताया कि क्विंघाई-तिब्बत पठारी इलाके में 9,614 परिवार औसतन 4,000 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर निवास करते हैं।
अब तक बिजली विहीन रहे इन गांवों तक बिजली पहुंचाने की योजना पर कंपनी ने 2.1 अरब युआन खर्च किया और इस अभियान में 5,000 से अधिक कर्मचारी शामिल हुए।
राष्ट्रीय विद्युत प्रशासन (एनईए) के वरिष्ठ अधिकारी तान रोंगचुन ने बताया, “इसका मतलब है कि क्विंघाई ने अपने सभी नागरिकों तक बिजली पहुंचा दी है और चीन ने 12वीं पंचवर्षीय योजना में तय किए गए लक्ष्य, बिना विद्युत उत्पादन केंद्र की स्थापना किए देश के सभी नागरिकों को विद्युत आपूर्ति, को हासिल कर लिया।”
उल्लेखनीय है कि 2012 तक चीन में 27.3 लाख की आबादी बिजली विहीन थी और इस तरह के अधिकांश इलाके शिनजियांग, सिचुआन, तिब्बत, क्विंघाई, गांसू और इनर मंगोलिया में स्थित थे। क्विंघाई में ही 470,000 की आबादी तक बिजली नहीं पहुंच सकी थी।
एनईए की तीन वर्षीय कार्य योजना के बाद क्विंघाई की यह बिजली की सुविधा से वंचित 39,800 लोगों की आखिरी आबादी भी बिजली की रोशनी से नहा गई।