चेन्नई, 11 नवंबर (आईएएनएस)। तमिलनाडु के कुद्दालोर और कांचीपुरम जिलों में पिछले दो दिनों के दौरान बारिश के कारण 19 लोगों की मौत हो चुकी है।
चेन्नई, 11 नवंबर (आईएएनएस)। तमिलनाडु के कुद्दालोर और कांचीपुरम जिलों में पिछले दो दिनों के दौरान बारिश के कारण 19 लोगों की मौत हो चुकी है।
मुख्यमंत्री जे. जयललिता ने बुधवार को कहा कि राहत के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।
जयललिता ने यहां जारी एक बयान में प्रत्येक मृतक के परिवार के लिए चार लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है।
इस बीच राज्य सरकार कुद्दालोर जिले के गांवों में डीजल जनरेटर के जरिए विद्युत आपूर्ति बहाल की कोशिश में लगी हुई है, क्योंकि भारी बारिश के कारण विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई है।
बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना एक गहरा दबाव नौ नवंबर को तमिलनाडु-पुड्डचेरी तट के पास पार किया, जिसके कारण भारी बारिश हुई और कुद्दालोर जिले में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई।
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सरकार बाढ़ग्रस्त इलाकों में टैंकरों के जरिए सुरक्षित पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित कर रही है।
कुद्दालोर प्रशासन के अनुसार, जिले में 35 स्वास्थ्य शिविर स्थापित किए गए हैं और प्रभावित लोगों को जलजनित बीमारियों से बचाने के लिए उन्हें इंजेक्शन और टैबलेट दिए जा रहे हैं।
बाढ़ग्रस्त इलाकों के लोगों को शिविरों में स्थानांतरित कर दिया गया है और उन्हें भोजन के पैकेट दिए जा रहे हैं।
रपटों के अनुसार, जिले के कुछ हिस्सों में हालांकि राहत अभी पहुंचनी बाकी है।
बाढ़ के पानी के कारण सड़कें और रेलमार्ग क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
एक पीड़ित व्यक्ति ने एक टेलीविजन चैनल से कहा, “कुद्दालोर जिले के रहिवासी इलाकों में जलजमाव बार-बार की समस्या बन गई है।”
राज्य के अन्य हिस्सों में भारिश के कारण खड़ी फसलें क्षतिग्रस्त हो गई हैं।
भारतीय तटरक्षक ने समुद्र में लगभग 120 मानवरहित मछली पकड़ने वाली नौकाओं का पता लगाने के लिए अपने डोर्नियर विमान और चौकसी नौकाएं तैनात की है।
कुद्दालोर जिले देवनापत्तिनम में गादीलाम नदी में लंगर डाली नौकाएं तेज लहरों के साथ बहकर समुद्र में चली गईं।
तटरक्षक के अनुसार, पांच नौकाओं को तट से लगभग दो मील दूर देखा गया है और उसके बारे में मत्स्य विभाग के अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है, जबकि बाकी नौकाओं की तलाश जारी है।
इस बीच डीएमके अध्यक्ष एम. करुणानिधि ने मौसम विभाग की बारिश की चेतावनी के बावजूद कथित तौर पर एहतियाती कदम न उठाने के लिए एआईएडीएमके सरकार की आलोचना की है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बारिश में मारे गए लोगों का निश्चित आंकड़ा नहीं दिया है।