नई दिल्ली, 2 दिसम्बर (आईएएनएस)। सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि तमिलनाडु सरकार को केंद्र सरकार से विचार-विमर्श किए बिना देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की साजिश के दोषियों की रिहाई और उनकी सजा कम करने का अधिकार नहीं है।
सर्वोच्च न्ययालय के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच.एल. दत्तू की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की संविधान पीठ ने कहा कि राज्य सरकार, केंद्र सरकार की सहमति से ही दोषियों को रिहा और उनकी सजा कम कर सकती है, क्योंकि इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने की है और इसका मुकदमा भी सीबीआई ने ही चलाया।
न्यायालय ने यह बात तीन न्यायाधीशों वाली एक पीठ द्वारा उसके समक्ष रखे गए सात सवालों का जवाब देते हुए कही।
जघन्य अपराध के मामले में न्यायालय ने बहुमत से फैसला दिया कि यह आजीवन करावास की सजा दे सकता है, जिसका अर्थ बिना किसी राहत के जीवनभर के लिए कैद है।