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 नंगे पांव लगन से जीती 5000 मीटर की रेस | dharmpath.com

Tuesday , 10 June 2025

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नंगे पांव लगन से जीती 5000 मीटर की रेस

शिमला, 27 दिसम्बर (आईएएनएस)। गरीब, पिता विहीन और पित्ताशय की पथरी से पीड़ित 15 साल की बक्शो देवी के पास भले ही कुछ न हो, लेकिन उसमें हिम्मत और लगन की कोई कमी नहीं है।

शिमला, 27 दिसम्बर (आईएएनएस)। गरीब, पिता विहीन और पित्ताशय की पथरी से पीड़ित 15 साल की बक्शो देवी के पास भले ही कुछ न हो, लेकिन उसमें हिम्मत और लगन की कोई कमी नहीं है।

हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में स्थित ईसपुर गांव की नौवीं कक्षा की छात्रा बक्शोदेवी की हिम्मत की वजह से आज वह सोशल मीडिया और खेल जगत में छाई हुई हैं।

उसके प्रशिक्षक ने आईएएनएस को बताया कि उसने 22 दिसम्बर को सरकार द्वारा जिला स्तरीय स्कूल एथेलेटिक्स में 5,000 मीटर की दौड़ में स्वर्ण पदक जीता है।

परिवार की निम्न आर्थिक क्षमता के कारण बक्शो देवी को दौड़ के लिए जूते भी नसीब नहीं हुए, लेकिन उसने नंगे पांव दौड़ कर ही जीत हासिल कर ली।

चौधरी ने बताया कि चार बहनों में सबसे छोटी बक्शो ने पहली बार दौड़ में हिस्सा लिया था और प्रतियोगिता के अंतिम समय में पित्ताशय के तीव्र दर्द के बावजूद भी उसने दौड़ जीत ली।

बक्शो देवी ने कहा, “मैं पी.टी. उषा बनना चाहती हूं। वह मेरी प्रेरणास्रोत हैं।”

नौ वर्ष पूर्व उसके पिता का देहांत हो गया था। परिवार के लिए कमाने में मां की मदद के लिए वह पढ़ाई के साथ ही घर के काम में भी मदद करती है।

भले ही उसे उपनी उम्र की आम एथलेटिक्स की तरह अच्छा खाना न मिलता हो, लेकिन उसकी दृढ़ता में कोई कमी नहीं है।

उसकी मां बिमला देवी ने कहा कि वह उसके लिए दौड़ने के जूते और दौड़ की पोशाक नहीं जुटा पाईं और वह स्कूल की पोशाक में ही दौड़ी।

उन्होंने कहा, “अब विभिन्न लोगों और संगठनों से मदद मिल रही है और वह राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में सही पोशाक और जूतों के साथ हिस्सा लेगी।”

बिमला देवी ने कहा, “लड़कियां लड़कों से किसी भी मामले में कम नहीं होतीं।”

उन्होंने साथ ही कहा कि सोलन शहर के एक चिकित्सक ने सोशल मीडिया पर उसकी कहानी देखकर उसकी पित्ताशय की पथरी के उपचार का खर्च वहन करने की पेशकश की है।

राज्य कांग्रेस प्रमुख सुखविंदर सिंह सुखू ने आश्वासन दिया है कि अगर वह खिलाड़ी बनना चाहती है तो उसकी हर प्रकार से मदद की जाएगी।

उन्होंने साथ ही इस साहसी और दृढ़ निश्चयी लड़की के लिए 11,000 रुपये पुरस्कार की घोषणा की है।

सिंह ने कहा, “उसने साबित किया है कि दृढ़ निश्चय और सतत प्रयास से जिंदगी में कुछ भी हासिल किया जा सकता है।”

उन्होंने राज्य सरकार से भी उसे हर संभव मदद देने का आग्रह किया है।

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