नई दिल्ली,13 अगस्त (आईएएनएस)। मानसून सत्र के आखिरी दिन भी लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष ने कार्यवाही का बहिष्कार किया। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने विदाई भाषण में कांग्रेस के 25 सांसदों के निलंबन का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उम्मीद यही है कि भविष्य में ऐसा कदम उठाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
नई दिल्ली,13 अगस्त (आईएएनएस)। मानसून सत्र के आखिरी दिन भी लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष ने कार्यवाही का बहिष्कार किया। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने विदाई भाषण में कांग्रेस के 25 सांसदों के निलंबन का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उम्मीद यही है कि भविष्य में ऐसा कदम उठाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
सत्र के समापन से पहले अपने विदाई भाषण में महाजन ने कहा, “सत्र के पहले ही दिन (21 जुलाई) से कुछ सदस्य सदन में अध्यक्ष के आसन के सामने आते रहे और कार्यवाही में बाधा डालते रहे। मैंने उनसे यही कहा कि उन्हें अपना विरोध दर्ज कराने का पूरा हक है लेकिन आसन के सामने न आएं और तख्तियां न लहराएं। ”
महाजन ने कहा, “मैंने इन नेताओं को याद दिलाया कि संसदीय प्रणाली में हर मुद्दे पर चर्चा होती है और हल पाया जा सकता है। लेकिन सदस्य कार्यवाही में बाधा डालते रहे और मुझे उन्हें पांच दिन के लिए निलंबित करना पड़ा।”
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, “मैंने यह कड़ा फैसला आखिरी उपाय और विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया। मुझे उम्मीद है कि अध्यक्ष को फिर कभी ऐसा कदम उठाने पर मजबूर नहीं होना पड़ेगा।”
इससे पहले सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कई विपक्षी सांसदों ने नारे लगाते हुए सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल ने कार्यस्थगन प्रस्ताव के नोटिस दिए थे। अध्यक्ष ने इनको खारिज कर दिया।
इसके बाद कांग्रेस और वाम दल के सांसद अध्यक्ष के आसन के सामने आ गए और नारेबाजी करने लगे। उनके हाथ में प्लेकार्ड भी थे। इसके बाद इन्होंने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया।
इस दौरान सदन में प्रधानमंत्री मौजूद थे। ललित मोदी मुद्दे पर विपक्ष ने उनसे बयान देने की मांग की थी।
बाद में सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।