चेन्नई, 4 अप्रैल (आईएएनएस)। पीएमके के संस्थापक एस. रामदास ने शनिवार को कहा कि भारत श्रीलंकाई समुद्र क्षेत्र सहित बंगाल की खाड़ी में मछली पकड़ने के अपने मछुआरों के पारंपरिक अधिकार सुनिश्चित करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकता है।
यहां जारी एक बयान में रामदास ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक, परंपरागत अधिकार कानूनी रूप से लागू करने योग्य हैं।
रामदास ने कहा कि भारत और श्रीलंका के बीच बंगाल की खाड़ी में भारतीय मछुआरों को मछली पकड़ने का परंपरागत अधिकार है। यदि भारत इस बात पर जोर दे तो श्रीलंका के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री इस अधिकार से इंकार नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा, “यह पीड़ादायक है कि भारत सरकार ऐसा नहीं कर रही है। अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय जाकर इस अधिकार को प्रमाणित किया जा सकता है।”
रामदास ने कहा कि भारत सरकार को अपने मछुआरों के मछली पकड़ने के कानूनी अधिकारों की सुरक्षा के लिए श्रीलंका के खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।
श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने हाल ही में कहा था कि नौसेना को श्रीलंका की समुद्री सीमा में मछली पकड़ने वालों को गिरफ्तार करने और उनकी नौकाओं को जब्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
दोनों देशों के मछुआरा संघों के बीच यहां हुई द्विपक्षीय वार्ता में भारतीय मछुआरों ने श्रीलंका की समुद्री सीमा में एक साल में 83 दिनों तक मछली पकड़ने की अनुमति मांगने के बाद सिरिसेना ने यह बयान जारी किया है।
इस बयान का हवाला देते हुए रामदास ने कहा कि श्रीलंका सरकार ने भारतीय मछुआरों का अनुरोध ठुकरा दिया है।
उन्होंने कहा कि श्रीलंका की नौसेना ने शुकवार रात बंगाल की खाड़ी में मछली पकड़ने के दौरान 33 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार कर लिया।
रामदास ने कहा कि भारतीय मछुआरों द्वारा श्रीलंकाई समुद्री सीमा में प्रवेश करना उसी तरह है, जिस प्रकार से श्रीलंका के मछुआरे भारतीय जलसीमा में प्रवेश करते हैं।