भोपाल, 18 सितम्बर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के छह सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों के जूनियर डॉक्टर 12 सूत्री मांगों को लेकर शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं, जिसके कारण स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हैं।
जूनियर डॉक्टरों ने मरीजों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए समानांतर ओपीडी शुरू की है और अपनी मांगें पूरी नहीं होने पर शनिवार से आवश्यक सेवाएं भी बंद करने की चेतावनी दी है।
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. आदित्य लूनावत ने आईएएनएस को बताया, “चिकित्सा महाविद्यालय के अस्पतालों में दवाओं की अनुपलब्धता तथा जीवन रक्षक उपकरणों के खराब पड़े रहने से मरीजों के उपचार में बाधा उत्पन्न होती है। साथ ही जूनियर डॉक्टरों को मरीजों के परिजनों के गुस्से का सामना भी करना पड़ता है।”
डॉ. लूनावत ने बताया, “डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट सहित 12 सूत्री मांगों को लेकर जूनियर डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। मरीजों को परेशानी न हो, इसके लिए भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा व सागर के चिकित्सा महाविद्यालयों के अस्पतालों में जूनियर डॉक्टर समानांतर ओपीडी चला रहे हैं।”
जूनियर डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अगर शनिवार तक सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया, तो वे सभी आवश्यक सेवाएं देना भी बंद कर देंगे और इसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार होगी।
राज्य में इन दिनों स्वाइन फ्लू और डेंगू के भी बढ़ने की आशंका जताई जा रही है और कुछ प्रकरण भी सामने आए हैं। ऐसी स्थिति में जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से मरीजों की परेशानी बढ़ना तय है।