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 अमेरिका की बंदूक संस्कृति पर फिर उठे सवाल | dharmpath.com

Tuesday , 10 June 2025

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अमेरिका की बंदूक संस्कृति पर फिर उठे सवाल

अरुण कुमार

अरुण कुमार

वाशिंगटन, 27 अगस्त (आईएएनएस)। अमेरिका में एक साक्षात्कार के सजीव प्रसारण के दौरान दो पत्रकारों की गोली मारकर की गई हत्या से देश की बंदूक से जुड़ी हिंसा पर बहस फिर से गर्म हो गई है। व्हाइट हाउस ने कांग्रेस से बंदूक नियंत्रण कानूनों को पारित करने की एक बार फिर से अपील की है।

व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा, “यह घटना बंदूक हिंसा का एक और उदाहरण है। पूरे अमेरिका के छोटे-बड़े हर समुदाय में यह आम होती जा रही है।”

उन्होंने कहा, “कुछ सहज बुद्धि की बातें हैं जो सिर्फ कांग्रेस कर सकती है। जो देश में बंदूक हिंसा को कम करने में महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती हैं।”

उन्होंने कहा, “कांग्रेस यह सभी कदम कानून का पालन करने वाले अमेरिकियों के संवैधानिक अधिकारों में कोई दखल डाले बगैर उठा सकती है।”

देश में एक मजबूत बंदूक लॉबी है जिसने राष्ट्रपति बराक ओबामा की हर उस कोशिश पर पानी फेरा है जिसका ताल्लुक हथियारों से जुड़े कानूनों को सख्त बनाने से था। ओबामा कह चुके हैं कि उनके कार्यकाल में यही बात उन्हें सबसे अधिक निराश करने वाली लगी है।

दो पत्रकारों की गोली मारकर की गई हत्या पर न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा है, “अमेरिका में जीवन और मृत्यु से जुड़ा एक भयावह तथ्य है कि आसानी से उपलब्ध बंदूकें किसी मसले को लेकर परेशान अमेरिकियों को अपनी समस्याओं को सार्वजनिक रूप से व्यक्त करने की शक्ति दे रही हैं।”

अखबार इस कड़वी सच्चाई को भी रेखांकित करता है कि देश की एक तिहाई जनसंख्या के पास मौजूद 30 करोड़ बंदूकों की वजह से अमेरिका प्रति व्यक्ति बंदूक के मामले में किसी भी आधुनिक देश में सबसे आगे है।

इसी तरह वाशिंगटन पोस्ट ने लिखा है, “‘क्या बंदूक से होने वाले खून खराबे को रोकने के लिए अमेरिका कभी कुछ करेगा? कोई भी तार्किक सरकार ऐसी उच्चकोटि की मशीनों को नियंत्रित करना चाहेगी जो कुछ अच्छे काम करती है लेकिन उससे ज्यादा अवैध कारनामों को अंजाम देती है।”

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