कैनबरा, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। आस्ट्रेलिया की संघीय सरकार ने दुनिया की चंद सबसे बड़ी कोयला खदान परियोजनाओं में से एक मानी जा रही क्वींसलैंड राज्य की खदान परियोजना को मंजूरी दे दी है। इस कोयला खदान के परिचालन का काम भारत के अडाणी समूह को मिला है।
कैनबरा, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। आस्ट्रेलिया की संघीय सरकार ने दुनिया की चंद सबसे बड़ी कोयला खदान परियोजनाओं में से एक मानी जा रही क्वींसलैंड राज्य की खदान परियोजना को मंजूरी दे दी है। इस कोयला खदान के परिचालन का काम भारत के अडाणी समूह को मिला है।
एबीसी की गुरुवार की रपट के मुताबिक पर्यावरण मंत्री ग्रेग हंट ने बुधवार को इस परियोजना को मंजूरी देते हुए इस सिलसिले में दस्तावेजों पर दस्तखत किए। क्वींसलैंड के सुदूर इलाके में स्थित 12 अरब डालर की कारमाइकेल कोयला खदान परियोजना को तैयार करने की जिम्मेदारी भारत की अग्रणी खनन कंपनी अडाणी को मिली है।
परियोजना को मंजूरी देते हुए हंट ने कहा, “मुझे इस मंजूरी को निलंबित करने या रद्द करने का हक हासिल है। अगर कड़ी शर्तो का उल्लंघन हुआ तो उतने ही कड़ा जुर्माना लगाया जाएगा।”
दो माह पहले आस्ट्रेलिया की संघीय अदालत ने दो संवेदनशील प्रजातियों के मुद्दे पर इस परियोजना की मंजूरी को रद्द कर दिया था। इस फैसले में अफसरों के अनाड़ी तरीके से काम करने का बहुत बड़ा हाथ था।
अदालत ने पाया था कि हंट ने यक्का छिपकली और सजावटी सांप के मुद्दों पर दी गई सलाहों पर ठीक से गौर नहीं किया है।
उस वक्त अडाणी ने कहा था कि उसे उम्मीद है कि ये ‘तकनीकी गड़बड़ियां’ ठीक हो जाएंगी।
कंपनी ने परियोजना को दोबारा मंजूरी मिलने का एक बयान जारी कर स्वागत किया है।
बयान में कहा गया है कि मंजूरी मिलने से साफ हो गया है कि परियोजना से जुड़े पर्यावरण मुद्दों का पूरा ख्याल रखा गया है। यह परियोजना के लिए लगाई गई ‘बेहद कड़ी और कष्टपूर्ण शर्तो’ से साफ हो जाता है।
2010 में इस परियोजना पर पहले विचार हुआ था। इसमें एक साल में 6 करोड़ टन कोयला निकाला जाएगा। इसका अधिकांश हिस्सा भारत को निर्यात किया जाएगा। इसमें कम से कम 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।