लखनऊ-देश में शादियों के फर्जी रजिस्ट्रेशन के बढ़ते मामलों के बीच शुक्रवार शाम उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. यूपी में विवाह पंजीकरण के नियमों में बड़ा बदलाव हुआ है. प्रशासन ने नए दिशा-निर्देश जारी किए, जो शनिवार यानी 7 जून 2025 से लागू हो गए हैं. अब विवाह का पंजीकरण विवाह स्थल के आधार पर नहीं होगा, बल्कि उस तहसील के उप-पंजीयक कार्यालय में होगा, जहां दूल्हा-दुल्हन या उनके माता-पिता रहते हैं. नए नियम के तहत विवाह के पंजीकरण के दौरान परिवार का कोई सदस्य मौजूद होना जरूरी है.
एआईजी स्टांप पुष्पेंद्र कुमार ने बताया कि नए नियमों के तहत अब आधे-अधूरे साक्ष्य नहीं चलेंगे. शादी का पुख्ता सबूत और पंडित या संबंधित धार्मिक गुरु की गवाही अनिवार्य होगी. यह बदलाव इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक आदेश के बाद आया है, जो शनिदेव बनाम यूपी सरकार के मामले में दिया गया था. कोर्ट ने साफ कहा था कि विवाह पंजीकरण में मजबूत और सत्यापन योग्य व्यवस्था होनी चाहिए. नए नियमों से गुपचुप शादियों और फर्जी रजिस्ट्रेशन पर रोक लगेगी, जिससे शादी की वैधता और पवित्रता बनी रहेगी.