शिखा त्रिपाठी
शिखा त्रिपाठी
नई दिल्ली, 20 फरवरी (आईएएनएस)। सन् 1950 से 1980 के दशक तक मराठी और हिंदी सिनेमा पर राज करना वाली अभिनेत्री जयश्री गडकर को उनके प्रेम, भावुकता, नम्रता और ममता भरे अंदाज के लिए जाना-जाता है। उन्होंने रामानंद सागर के लोकप्रिय टीवी धारावाहिक ‘रामायण’ में राम की मां कौशल्या का किरदार निभाया था।
‘रामायण’ के अलावा, जयश्री ने कई धार्मिक कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं, जिसके चलते उन्हें काफी लोकप्रियता और सम्मान प्राप्त हुआ। उन्होंने मनोरंजन जगत में कई फिल्मों और धारावाहिकों में अपने अभिनय की प्रस्तुति दी। उन्होंने मराठी उद्योग के साथ-साथ हिंदी सिनेमा में महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया। उनकी प्रतिभा, नृत्य कौशल और सौंदर्य के सभी कायल हैं।
जयश्री गडकर का जन्म भारत के कर्नाटक के उत्तरी जिले कारवार के पास कनाकगिरि में 21 फरवरी 1942 को हुआ था। वह कोंकणी भाषी परिवार से थीं। रामानंद की रामायण से जयश्री को सम्मान, गौरव, लोकप्रियता के साथ-साथ जीवनसाथी भी मिला।
रामायण में दशरथ का किरदार निभाने वाले बाल धुरी के साथ वह शादी के बंधन में बंध गईं। इसमें उन्होंने उनकी पत्नी कौशल्या की भूमिका निभाई थी।
उन्होंने फिल्म ‘तमाशा’ में बाल नृत्य कलाकार के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी, व्ही. शांताराम की ‘झनक झनक पायल’ बाजे में उन्होंने एक समूह नर्तकी के रूप में अपने नृत्य कौशल का प्रदर्शन किया था। वहीं दिनकर डी. पाटिल ने उन्हें राजा गोसावी के साथ एक मराठी फिल्म में मुख्य नायिका के तौर पर लिया, जिसके बाद वह मराठी फिल्म जगत का जाना-माना नाम बन गईं।
जयश्री ने अपने चार दशक के करियर में लगभग 250 से अधिक फिल्मों में काम किया। इसके बाद वह फिल्म निर्देशक भी बनीं, उन्होंने ‘अशी’, ‘असावी सासू’ और ‘ससुर महर’ का निर्देशन भी किया।
जयश्री ने 29 अगस्त, 2008 में अपने जीवन की अंतिम सांस ली और हम सभी को अलविदा कह गईं। आज भले ही वह हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन दर्शक आज भी उनके खास अंदाज व मुस्कन को नहीं भूल पाए हैं।