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 जहां भूतों को दी जाती है थर्ड डिग्री! | dharmpath.com

Saturday , 31 May 2025

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जहां भूतों को दी जाती है थर्ड डिग्री!

हर तरह का उपाय कराने के बाद भी जब लोग हार जाते हैं तो वह राजस्थान के मेंहदीपुर में स्थित बालाजी की शरण में आते हैं और कहा जाता है कि जिसने भी यहां आकर अपनी अर्जी लगाई वह कभी खाली हाथ नहीं लौटा।

मंदिर में बजरंग बली की बालरूप मूर्ति स्वयंभू है। इस मूर्ति के सीने के बाईं ओर एक बेहद सूक्ष्म छिद्र है, जिससे पवित्र जल की धारा निरंतर बहती रहती है। इस जल को भक्तजन चरणामृत के रूप में अपने साथ ले जाते हैं। बालाजी के मंदिर में प्रेतराज सरकार और कोतवाल कप्तान भैरव की मूर्तियां भी हैं।

मंदिर में बड़ी संख्या में ऊपरी बाधा से ग्रसित लोग अजीबोगरीब हरकत करते नजर आते हैं, जिसे यहां पेशी आना कहते हैं। मंदिर परिसर में दिन-रात बालाजी का जयकारा लगाते हुए इन लोगों का इलाज करते देखा जा सकता है।

यह पूरा दृश्य इतना हतप्रभ करने वाला होता है कि मानो किसी मुजरिम को थर्ड डिग्री दी जा रही हो और वह रहम की भीख मांग रहा हो। कई लोग पेशी आने पर बेहोश तक हो जाते हैं।

बुंदेलखण्ड से आए दीपक सोनी ने बताया कि वह यहां 25-30 वर्षो से आ रहे हैं। दीपक ने कहा, “कोई साल ऐसा नहीं गया, जब बाबा के चमत्कार का साक्षात अनुभव नहीं हुआ।”

इसी तरह अनूप मोदी कहते हैं, “परिवार और मित्रों से जुड़े कई मामले हैं जब दिल्ली की दवाई हार गई, लेकिन यहां आते ही चमत्कारिक रूप से लोग ठीक हो गए।”

मेंहदीपुर बालाजी धाम इसलिए भी अनोखा है, क्योंकि यहां अन्य मंदिरों की तरह न तो प्रसाद चढ़ाया जाता है और न ही श्रद्धालु किसी तरह का प्रसाद अपने घर ले जा सकते हैं। हाजिरी या दरख्वास्त लगाने के नाम पर पांच रुपये में मिलने वाले छोटे-छोटे लड्डू जरूर चढ़ाए जाते हैं, हालांकि कोई भी श्रद्धालु उन्हें खुद अपने हाथ से किसी मूर्ति पर कुछ नहीं चढ़ा सकता।

मंदिर से जुड़ा एक विशेष नियम यह भी है कि यहां से वापसी में अपने साथ खाने-पीने की कोई भी वस्तु घर नहीं ले जा सकते हैं। दरबार से जल या भभूति व कोई पढ़ा हुआ सामान ले जाने का ही नियम है।

दरअसल आस्था के आगे न तर्क काम आते हैं न विज्ञान की दलील। मेंहदीपुर बालाजी मंदिर देश में आज भी व्याप्त अंधविश्वास की जीती-जागती बानगी पेश करता है।

जहां भूतों को दी जाती है थर्ड डिग्री! Reviewed by on . हर तरह का उपाय कराने के बाद भी जब लोग हार जाते हैं तो वह राजस्थान के मेंहदीपुर में स्थित बालाजी की शरण में आते हैं और कहा जाता है कि जिसने भी यहां आकर अपनी अर्ज हर तरह का उपाय कराने के बाद भी जब लोग हार जाते हैं तो वह राजस्थान के मेंहदीपुर में स्थित बालाजी की शरण में आते हैं और कहा जाता है कि जिसने भी यहां आकर अपनी अर्ज Rating:
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