सिलीगुड़ी/कोलकाता (पश्चिम बंगाल), 1 जुलाई (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममत बनर्जी ने बुधवार को कहा कि लगातार बारिश के कारण दार्जिलिंग पहाड़ियों में मंगलवार देर रात भूस्खलन की घटना में 30 लोगों की मौत हो गई, जबकि नौ लोग लापता हैं।
हादसे की खबर मिलते ही ममता फौरन घटनास्थल पहुंच गईं और पीड़ितों के परिवार वालों के लिए चार-चार लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू को स्थिति का जायजा लेने के लिए रवाना किया है।
आपदा में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से प्रत्येक पीड़ित के परिवार को दो लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है।
भूस्खलन में राज्य को सिक्किम से जोड़ने वाला मार्ग बाधित हो गया है। भारी बारिश में मिट्टी के कटाव और मलबे के जमा होने से रोहिणी-गरिधुरा पुल और एवं राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 एवं 10 भी बाधित हो गए हैं।
मोंगपोंग और सीवोक कालीबाड़ी में विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन हुआ है, जिसके कारण लोग राष्ट्रीय राजमार्ग 31 पर फंसे हुए हैं।
मुख्यमंत्री ममता ने बीरभूम जिले का अपना निर्धारित दौरा रद्द कर दिया और राहत कार्य सुनिश्चित करने के लिए तुरंत घटनास्थल पहुंचीं।
बनर्जी ने कहा, “बरामद किए गए 30 शवों में मिरिक से 22, कलिमपोंग से छह और सुखियापोखरी एवं गोरुबाथम इलाकों से एक-एक शव बरामद किए गए हैं।”
बनर्जी ने कहा कि मृत 30 लोगों में 22 लोग मिरिक से हैं, छह लोग कलिमपोंग से और सुखियापोखरी तथा गोरुपाथन से एक-एक लोग शामिल हैं।
केंद्र सरकार की ओर से राहत कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा कार्यवाही बल (एनडीआरएफ) और सश सीमा बल (एसएसबी) की भेजी गई दो टीमें राहत कार्य में जुट चुकी हैं। लेकिन पहाड़ी ढलान और अंधेरे की वजह से राहत कार्य में परेशानी हो रही है।
राज्य सरकार ने राहत कार्य में भारतीय सेना की मदद भी मांगी है।
बनर्जी ने कहा, “धन से जीवन की भरपाई कभी नहीं हो सकती। राज्य सरकार ने हालांकि फैसला किया है कि इस आपदा में मारे गए लोगों के परिजनों को चार लाख रुपये और घायलों को 1.25 लाख रुपये की राशि मुआवजे के तौर पर दी जाएगी। इस आपदा में प्रभावित हुए लोगों के पुनस्र्थापन में राज्य सरकार सभी प्रकार की सहायता मुहैया कराएगी।”
जिला प्रशासन के अनुसार, 20 से अधिक घायलों को उपचार के लिए अस्पातल में भर्ती करवाया गया है। मलबे में और लोगों के दबे होने की आशंका के बीच हादसे में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ सकती है।
बनर्जी ने बताया कि 27 मृतकों के शव उनके परिवार वालों को सौंप दिए गए हैं, जबकि शेष शव गुरुवार को सौंपे जाएंगे।
जलपाईगुड़ी जिले में भारी बारिश के कारण जल जमाव से कम से कम 5,000 लोग प्रभावित हैं। तीस्ता बांध से 5,000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद यहां भारी जल जमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
जिला प्रशासन ने तीस्ता और तोरसा नदी में जलस्तर खतरे के निशान को छूने के बाद यहां रेड अलर्ट जारी कर दिया है।
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) द्वारा शासित गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) ने भी मृतकों के परिवार वालों के लिए दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये मुआवजे की घोषणा की है।