नई दिल्ली, 1 जनवरी (आईएएनएस)। राजधानी दिल्ली में सम-विषम फार्मूला लागू होने के बाद भी शुक्रवार की दोपहर में प्रदूषण मीटर पर हवा की क्वालिटी स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक स्तर पर रही। विशेषज्ञों का कहना है कि सम-विषम फार्मूले से हवा में प्रदूषण की मात्रा घटेगी जरूर, लेकिन इसका असर दिखने में अभी वक्त लगेगा।
दिल्ली की हवा में प्रदूषण की बढ़ती मात्रा को देखते हुए अरविंद केजरीवाल सरकार ने सम-विषम फार्मूला लागू किया है। दिल्ली स्थित सोशल एक्शन फॉर फॉरेस्ट एंड एनवायरोनमेंट (एसएएफई) के पर्यावरण कार्यकर्ता विक्रांत तोंगड़ ने दिल्ली की हवा का विश्लेषण किया, जिसमें अमेरिकी दूतावास के पास की हवा का स्तर 269 पाया गया जोकि स्वास्थ्य के लिहाज से काफी खतरनाक है।
तोंगड़ ने आईएएनएस को बताया, “सम-विषम फार्मूले के लागू होने के कारण सड़क पर कारों की तादात घटने के बावजूद प्रदूषण के स्तर में कोई कमी नहीं देखी गई है, क्योंकि ठंड के कारण हानिकारक गैसें धरती से उपर उठ नहीं पा रही हैं। वे जैसे हवा में फंस कर रह गई हैं। हालांकि उनका मानना है कि इस स्कीम के लागू होने से हवा में प्रदूषण की मात्रा पर काफी कम असर होगा।”
तोगड़ कहते हैं, “सरकार ने महिला चालकों, दोपहिया वाहनों, व्यावसायिक टैक्सियों आदि को सम-विषम फार्मूले से छूट दी है, जिनकी संख्या भी काफी अधिक है। ऐसे में महज 5-6 फीसद वाहन ही इस फार्मूले के तहत सड़कों पर से हटेंगी।”
उन्होंने कहा कि जब तक पुरानी ट्रकों, डीजल चालित वाहनों, प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रियों और चारो तरफ चल रहे निर्माण गतिविधियों पर कड़ाई से रोक नहीं लगती है, तब तक प्रदूषण के स्तर में कोई उल्लेखनीय कमी नहीं आएगी।