पटना, 15 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में शामिल हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने यहां मंगलवार को माना कि देश में असहिष्णुता का माहौल है। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि वे इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं से बात करेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने पटना में पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा, “आज देश में असहिष्णुता का माहौल है और जरूरी है कि इस पर केंद्र सरकार सफाई दे।”
उन्होंने कहा, “जो लोग देश या राज्य छोड़ने की बात कह रहे वे भी गलत सोच रहे हैं। इस समस्या का समाधान होना चाहिए। मेरी जब भी प्रधानमंत्री और भाजपा नेताओं से मुलाकात होगी तब अपनी बात रखूंगा।”
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक ‘हम’ के प्रमुख ने कहा कि हिन्दुस्तान के संविधान में सभी धर्मो के लोगों को देश में रहने का हक दिया गया है और लोग रह रहे हैं, लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि किसी धर्म के लोगों के लिए सब कुछ सहिष्णु है। कहीं कम और कहीं ज्यादा, लेकिन देश में असहिष्णुता का वातावरण है।
जनता दल (युनाइटेड) में रहते मुख्यमंत्री रहे मांझी बगावत और राजग में शामिल होने के बाद बिहार विधानसभा में अपनी पार्टी के इकलौता विधायक हैं।
मांझी के बयान पर जनता दल (युनाइटेड) के नेता और मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि सच सामने आ ही जाता है। मांझी ने भी देर से ही सही, लेकिन सच को स्वीकार किया है।
कुछ दिनों पूर्व भाजपा की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) सांसद महबूब अली कैसर ने भी असहिष्णुता के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी से हस्तक्षेप की मांगी थी। हालांकि पार्टी के नेता चिराग पासवान ने मीडिया पर कैसर के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया था।
सच तो यह है कि अल्पसंख्यकों को भय के साये में रखने के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के छिपे एजेंडे पर चल रहे काम को ‘असहिष्णुता’ नाम दिया जा रहा है और संघ से जुड़े लोग इसे झुठलाने की कोशिश में लगे हुए हैं। इन लोगों की ‘सहिष्णुता’ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ये ‘असहिष्णुता’ शब्द सुनते ही भड़क उठते हैं, जबकि इस शब्द का सबसे पहले उपयोग राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने किया था।