क्रेमलिन ने एक बयान में कहा, “8-9 जुलाई के बीच वॉरसॉ में नाटो की नवीनतम बैठक पर बातचीत करते हुए इन तीनों नेताओं ने पारस्परिक लाभ और रूस तथा गठबंधन के बीच विश्वास को मजबूत बनाने लिए ठोस कदम उठाने का आह्वान किया।”
नाटो की बैठक में अपनी पूर्वी दिशा को मजबूत करने के लिए पोलैंड और बाल्टिक क्षेत्रों में चार बटालियनों की तैनाती करने का फैसला किया गया है। बैठक के साथ एक विज्ञप्ति में भी रूस पर नाटो के सहयोगी दलों और अन्य देशों की सुरक्षा चुनौतियां पैदा करने का आरोप लगाया गया था।
विज्ञप्ति में हालांकि नाटो ने रूस के साथ समय-समय पर, ध्यान केंद्रित और सार्थक बातचीत के लिए तैयार रहने की प्रतिबद्धता जताई।