कोच्चि, 15 दिसम्बर (आईएएनएस)। वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) मामले में पूर्व सैनिकों की चिंताओं से सहमति जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि वह समझ सकते हैं कि जब अफसर की पदोन्नति नहीं होती होगी, तो उसे कैसा लगता होगा।
कोच्चि, 15 दिसम्बर (आईएएनएस)। वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) मामले में पूर्व सैनिकों की चिंताओं से सहमति जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि वह समझ सकते हैं कि जब अफसर की पदोन्नति नहीं होती होगी, तो उसे कैसा लगता होगा।
ओरओपी को सरकार मंजूरी दे चुकी है। लेकिन, पूर्व सैनिक इससे संतुष्ट नहीं हैं। दिल्ली में जंतर-मंतर पर उनका धरना मंगलवार को 185वें दिन भी जारी रहा।
मोदी ने कहा कि सरकार सेवानिवृत्त सैनिकों को कौशल प्रशिक्षण देगी। उनके लिए अवसर उपलब्ध कराएगी, ताकि वे सेवानिवृत्त होने के बाद भी गर्व से देश की सेवा कर सकें।
आईएनएस विक्रमादित्य पर तीनों सेनाओं के कमांडरों के सम्मेलन में मोदी ने कहा, “मैं समझ सकता हूं कि एक अफसर को भरी जवानी में कैसा लगता होगा जब उसे आगे पदोन्नति नहीं मिलती होगी। वह भी इसलिए नहीं कि वह इसके योग्य नहीं है, बल्कि इसलिए कि जगह कम है।”
मोदी ने कहा, “इसलिए आपकी सेवाओं का सम्मान और आपका कल्याण सदैव हमारा महत्वपूर्ण कर्तव्य रहेगा। इसीलिए हम दशकों से पूरे नहीं हुए ओआरओपी के वादे पर तेजी से आगे बढ़े हैं।”
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी के मध्य राष्ट्रीय युद्ध स्मारक और संग्रहालय बनाया जाएगा।
पूर्व सैनिकों की मांगों में ओआरओपी के अलावा युद्ध स्मारक और पूर्व सैनिकों का आयोग बनाना भी शामिल है।
सम्मेलन में रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर, रक्षा सचिव जी.मोहन कुमार, सेना प्रमुख दलबीर सिंह, वायुसेना प्रमुख अरुप राहा और नौसेना प्रमुख आर.के.धोवन भी मौजूद थे।