मुंबई, 31 अक्टूबर (आईएएनएस)। फिल्मकार मणिकंदन का मानना है कि फिल्म निर्माण की आकांक्षा रखने वालों को सिनेमा के विभिन्न पहलुओं से परिचित होने के साथ-साथ अपनी फिल्म को लेकर वितरकों को आश्वस्त करने की कला भी आनी चाहिए।
मणिकंदन ने यहां जारी 17वें जियो एमएएमआई मुंबई फिल्मोत्सव में आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा, “यदि आपके पास वितरक को यह बताने के लिए सिर्फ 5-7 सेकंड ही हो कि वह आपकी फिल्म में क्यों निवेश करे तो आप यह कैसे करेंगे? इसलिए यह जरूरी है कि आपको वितरक को आश्वस्त करने की कला आनी चाहिए।”
समीक्षकों द्वारा सराही गई तमिल फिल्म ‘काका मुत्तै’ से निर्देशन की शुरुआत करने वाले मणिकंदन यहां अपने निर्देशन में बनने वाली दूसरी तमिल फिल्म ‘कुटरामे थंडानई’ के प्रदर्शन के लिए पहुंचे हुए हैं।
उन्होंने कहा, “अपनी फिल्म के लिए किसी वितरक को आश्वस्त करना ठीक उसी तरह है, जैसे आप किसी कलाकार को फिल्म में लेने से पहले उसे पटकथा सुनाते हैं। कोई भी अपना बहुत अधिक समय बर्बाद करना नहीं चाहता।”
बकौल मणिकंदन, इसलिए यह आवश्यक है कि कम समय में फिल्मकार अपनी फिल्म के बारे में अधिक से अधिक व महत्वपूर्ण बातें बताएं और सामने वाले को उसमें निवेश के लिए आश्वस्त करे। यह फिल्मकारों की इस क्षमता को भी दर्शाता है कि वे अपनी फिल्म के बारे में कितने बेहतर तरीके से अपनी बात रखते हैं।