नई दिल्ली/ढाका, 11 नवंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश ने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन, युनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के महासचिव गोलप बरुआ उर्फ अनूप चेतिया (48) को बुधवार को भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया। सूत्रों ने बताया कि उसे जल्द ही राष्ट्रीय राजधानी लाया जाएगा।
नई दिल्ली/ढाका, 11 नवंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेश ने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन, युनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के महासचिव गोलप बरुआ उर्फ अनूप चेतिया (48) को बुधवार को भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया। सूत्रों ने बताया कि उसे जल्द ही राष्ट्रीय राजधानी लाया जाएगा।
उल्फा के संस्थापक सदस्य चेतिया को बांग्लादेश में 1997 में विदेशी एवं पासपोर्ट कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था। उस पर सोलह देशों की मुद्राएं और हथियार रखने समेत कई आरोप लगाए गए थे। चेतिया असम में अवैध वसूली और हत्या के कई मामलों में वांछित है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बांग्लादेश राइफल्स ने सीमवर्ती इलाके दावकी में चेतिया को केंद्रीय सुरक्षा बल को सौंपा। बाद में उसे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की टीम नई दिल्ली ले आई।
भारत ने चेतिया को सौंपे जाने को महत्वपूर्ण बताया है और कहा है कि इससे उल्फा और इससे संबद्ध संगठनों के कई मामलों का खुलासा होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से बात की और “आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में साथ देने के लिए शुक्रिया अदा किया।”
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने आईएएनएस से कहा, “यह प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत के सामूहिक प्रयास का नतीजा है..और जहां तक चेतिया से पूछताछ की बात है तो इसका फैसला संबंधित एजेंसियां करेंगी।”
भारत इससे पहले माफिया डान अबु सलेम, छोटा राजन और उल्फा अध्यक्ष अरबिंद राजखोवा को विदेश से देश लाने में सफल रहा है।
राजखोवा को दिसंबर 2009 में बांग्लादेश से भारत लाया गया था।
प्रधानमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने के अनुरोध के साथ आईएएनएस को बताया, “प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के अनुरोध पर चेतिया को भारत को सौंपा गया।”
उन्होंने कहा, “सीबीआई चेतिया को अपनी हिरासत में लेगी। चेतिया पर असम में कई आपराधिक मामलों में मुकदमा चलेगा। इनमें हत्या, अवैध वसूली, अपहरण भी शामिल हैं।”
बांग्लादेश के गृह मंत्री असदुज्जमान खान कमाल ने आईएएनएस से कहा, “चेतिया की सजा पूरी होने के बाद उसे कानूनी तरीके से भारत को सौंप दिया गया है।”
चेतिया ने सात दिसंबर, 2008 को संयुक्त राष्ट्र से बांग्लादेश में राजनैतिक शरण देने की गुहार लगाई थी। उसने कहा था कि वह आजाद असम के लिए लड़ रहा है। लेकिन, उसकी गुहार ठुकरा दी गई थी। बाद में उसने खुद अपनी अर्जी को रद्द करने की गुजारिश की थी। उसने कहा था कि वह भारत में सरकार और उल्फा के बीच की वार्ता का हिस्सा बनना चाहता है।
असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने एक टीवी चैनल से कहा, “यह एक बड़ी उपलब्धि है। उल्फा के अध्यक्ष परेश बरुआ के मुकाबले चेतिया की उल्फा के उस धड़े में अच्छी पैठ है जो बातचीत का पक्षधर है।”
उन्होंने कहा कि वह केंद्र को लिखेंगे कि चेतिया को जल्द से जल्द असम पुलिस को सौंप दिया जाए।
माना जा रहा है कि चेतिया की वापसी से केंद्र-राज्य सरकार और उल्फा के बीच अटकी वार्ता को गति मिलेगी। उल्फा में वार्ता का पक्षधर राजखोवा गुट और असम सरकार लंबे समय से मांग कर रहे थे कि चेतिया को वापस भारत लाया जाए।
चेतिया की भारत वापसी भारत और बांग्लादेश के बीच 2013 में हुई प्रत्यर्पण संधि की वजह से संभव हो पाई है।
सीबीआई के पूर्व अधिकारी शांतनु सेन ने कहा, “मैं इस महत्वपूर्ण काम के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को बधाई देता हूं। उम्मीद है कि इससे अन्य भगोड़े आतंकवादियों को देश में लाने का रास्ता खुलेगा।”
सीबीआई के पूर्व अधिकारी डी.आर.कार्तिकेयन ने कहा, “देश के कानून से कोई बच नहीं सकता। यह शुरुआत है। यह उन लोगों के लिए सबक है जो कानून से बचना चाहते हैं।”