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 बिहार में एक-चौथाई से कम हुई बारिश, किसान परेशान | dharmpath.com

Wednesday , 18 June 2025

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बिहार में एक-चौथाई से कम हुई बारिश, किसान परेशान

पटना, 1 जुलाई (आईएएनएस)। बिहार में समय पर मानसून तो आया, लेकिन एक बार फिर रूठ गया। मानसून के रूठ जाने के कारण किसान मायूस हो गए हैं।

पटना, 1 जुलाई (आईएएनएस)। बिहार में समय पर मानसून तो आया, लेकिन एक बार फिर रूठ गया। मानसून के रूठ जाने के कारण किसान मायूस हो गए हैं।

सरकारी आंकड़ों की मानें तो राज्य के 24 जिलों में अब तक धान के बीज (बिचड़े) डालने तक बारिश नहीं हुई है। आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में अब तक जितनी बारिश होनी चाहिए थी, उससे एक-चौथाई से कम बारिश हुई है।

बिहार राज्य कृषि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि बिहार में अब तक 168.8 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन अब तक मात्र 128.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। इस तरह राज्य में अभी तक 24 प्रतिशत बारिश कम हुई है।

कृषि विभाग के अनुसार, राज्य में मक्का की खेती तो कमोबेश ठीक है, परंतु राज्य के 24 जिलों में काफी कम बारिश हुई है। कहा जाता है कि आद्र्रा नक्षत्र में झमाझम बारिश होने के बाद धान की उपज अच्छी होती है, लेकिन राज्य में अभी तक आद्र्रा नक्षत्र में कहीं भी झमाझम बारिश नहीं हुई है।

राज्य के भोजपुर, रोहतास, कैमूर, भागलपुर, पूर्वी चंपारण, लखीसराय सहित कई ऐसे जिले हैं, जिनकी पहचान धान की अच्छी उपज के रूप में की जाती है परंतु इन जिलों में भी आवश्यकता से कम बारिश हुई है।

राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक डॉ़ मृत्युंजय कुमार कहते हैं कि लंबी अवधि की धान की खेती के लिए 25 मई से 10 जुलाई तक बिचड़ा डालना होता है। मध्यम अवधि की धान की खेती के बिचड़ा डालने का समय 25 जून तक है।

उन्होंने कहा कि बिचड़ा डालने के लिए किसानों को अब बारिश का इंतजार नहीं करना चाहिए, वरना अच्छी उपज नहीं मिल सकेगी।

कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि धान की अच्छी उपज के लिए रोपनी 15 से 20 जुलाई तक समाप्त हो जानी चाहिए।

इधर, पटना मौसम विज्ञान केंद्र की मानें तो पूरे बिहार के हिमालय के तराई क्षेत्र को छोड़ कर कहीं भी अब तक अच्छी बारिश नहीं हुई है। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, अगले दो-चार दिनों में राज्य में भारी बारिश की संभावना नहीं है।

केंद्र की मानें तो मधुबनी, सुपौल, औरंगाबाद, बक्सर और अररिया में औसत से कुछ ज्यादा बारिश हुई है।

बारिश की कमी के कारण अभी जिले में आधे से अधिक किसान खेत में बिचड़ा भी नहीं डाल पाए हैं। कुल 27 नक्षत्रों में नौ नक्षत्र वर्षा ऋतु के होते हैं, इनमें से तीन गुजर चुके हैं।

राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ब्यास जी कहते हैं कि सरकार किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि अभी बारिश की पूरी उम्मीद है इसलिए अभी परेशानी वाली बात नहीं है।

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