नई दिल्ली, 20 नवंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम (एनआरडीसी) ने केंद्र सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग के तहत पेटेंट, डिजाइन और ट्रेडमार्क महानियंत्रक (सीजीपीडीटीएम) कार्यालय के सहयोग से 24 नवंबर से देश के 21 राज्यों के 25 विश्वविद्यालयों/संस्थानों में बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) जागरूकता एवं क्षमता निर्माण कार्यशाला शुरू कर रहा है।
यहां जारी बयान के अनुसार, इस आईपीआर अभियान का उद्देश्य नई आईपीआर नीति के मद्देनजर शिक्षा के क्षेत्र में बौद्धिक संपदा के बारे में जागरूकता पैदा करना है और मेक इन इंडिया तथा भारत सरकार के स्टार्ट अप इंडिया कार्यक्रम को आईपीआर से जोड़ना है। ये कार्यक्रम विशेष रूप से छात्रों, शोधार्थियों, शिक्षण संकाय और वैज्ञानिकों को लक्षित होंगे।
बयान में कहा गया है कि ये कार्यक्रम इस तरह तैयार किए गए हैं कि नवीन पारिस्थितिकी तंत्र, आईपीआर के संरक्षण, रखरखाव, प्रवर्तन, व्यावसायीकरण, लाइसेंस और हस्तांतरण के लिए प्रक्रिया संबंधी जरूरतें पूरी करने वाले आईपीआर के रूपों पर व्याख्यान उपलब्ध कराए जाएं।
बयान के अनुसार, इसमें बौद्धिक संपदा अधिकार की रक्षा करने के लिए उपलब्ध आईपी पारिस्थितिकी तंत्र हितधारकों और संस्थागत तंत्र के सामने आने वाली चुनौतियां भी शामिल होंगी।
एनआरडीसी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. एच. पुरुषोत्तम ने बताया कि एनआरडीसी ने अब तक पूरे देश में इस उद्योग के लगभग सभी क्षेत्रों में 4800 से ज्यादा उद्यमियों/कंपनियों के पेटेंट/प्रौद्योगिकी लाइसेंस प्राप्त किए हैं।
उन्होंने कहा कि देश में पेटेंट आवेदन दाखिल करने के लिए सुविधा और तकनीकी-वित्तीय सहायता प्रदान करना एनआरडीसी की एक महत्वपूर्ण गतिविधि है।
बयान के अनुसार, इन वर्षो में एनआरडीसी ने एसएमई/अनुसंधानकर्ताओं/वैज्ञानिकों/छात्रों और व्यक्तिगत अन्वेषकों के अलावा समाज के विभिन्न क्षेत्रों से नवाचारों के लिए 1600 से अधिक पेटेंट दायर किए हैं और इसने आईपीआर कार्यशालाओं के आयोजन के माध्यम से लगभग 50,000 एसएमई/अनुसंधानकर्ताओं/वैज्ञानिकों/छात्रों और व्यक्तिगत अन्वेषकों तक अपनी पहुंच बनाई है।