नई दिल्ली, 28 नवंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि देश में अदालतों ने हमेशा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा की है।
जेटली ने ‘टाइम्स लिटफेस्ट’ में कहा, “संविधान के अनुच्छेद 19 में प्रदत्त अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार की भारत में अदालतों ने हमेशा रक्षा की है। इस मामले में हम यूरोप की अदालतों से मुकाबला कर सकते हैं।”
उन्होंने पांच ऐसे कानूनी मामलों का जिक्र किया जिन्होंने “भारतीय लोकतंत्र को एक निश्चित शक्ल दी।” जेटली ने कहा कि केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य का मामला इतिहास का ‘सर्वाधिक महत्वपूर्ण’ मामला है क्योंकि इसमें सर्वोच्च न्यायालय ने संविधान की मूल प्रस्थापनाओं की व्याख्या की थी।
जेटली ने कहा कि एक अन्य मामला मेनका गांधी बनाम यूनियन आफ इंडिया है जिसमें मेनका के पासपोर्ट को राज्य ने जब्त कर लिया था। इस मामले में देश में ‘मौलिक अधिकारों की सर्वोच्च स्थिति’ साफ हुई थी।
उन्होंने यह भी कहा कि “समलैंगिक यौन संबंध पर फैसलों पर अदालतों को पुनर्विचार करना चाहिए।”