Thursday , 2 May 2024

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मणिपुर में शिकारी प्रकृति को नुकसान पहुंचा रहे : मछुआरे

इंफाल, 12 जनवरी (आईएएनएस)। मणिपुर में प्रकृति प्रेमियों ने क्षेत्र के स्थानीय मछुआरों को लोकताक झील में प्रवासी पक्षियों व मछलियों को मारने के लिए जहर नहीं देने की अपील की, वहीं मछुआरों ने किसी भी तरह के गलत काम से इंकार किया है।

मछुआरों ने प्रवासी पक्षियों व अन्य वन्यजीवों को पकड़ने या उनके शिकार का आरोप शिकारियों व अमीर परिवार के लोगों पर लगाया है।

यही नहीं, मछुआरों ने पूर्वोत्तर में स्वच्छ पानी की इस सबसे बड़ी झील को प्रदूषित करने से इंकार किया व कहा कि इसका कारण 30 नालों से इस झील में कूड़े-कचरे का बहकर आना है।

मछुआरे लुखोई ने आईएएनएस से कहा, “मछुआरों पर प्रवासी पक्षियों को जहर देकर मारने व पकड़ने का आरोप लगाकर उन्हें बदनाम किया जा रहा है। कई पीढ़ियों से यह झील हमारी आजीविका का स्रोत रही है। अपने पड़दादा के समय से ही हमने प्रकृति को नुकसान पहुंचाने का कोई कृत्य नहीं किया है।”

एक अन्य मछुआरे अहंजाओ ने कहा, “अमीर घरानों के लोग लाइसेंसी बंदूकें लेकर अक्सर झील में आते हैं और प्रवासी पक्षियों का शिकार करते हैं। उन्हें रोकनेवाला कोई नहीं है।”

अहंजाओ ने कहा कि उन्होंने झील में सोमवार को दो मृत प्रवासी पक्षियों को पाया, जिसे वन्यजीव अधिकारियों को मंगलवार को सौंप दिया।

जलीय जीवों के लिए काम करनेवाले एलंगबाम सरात ने एक प्रवासी बत्तख को पक्षियों के एक शिकारी को 200 रुपये देकर मुक्त कराया। इसे इंफाल के चिड़ियाघर में भेजा जाएगा।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने रविवार को केंद्र को आश्वस्त किया कि उनका विभाग लोकताक झील के एक हिस्से में स्थित लमझाओ नेशनल पार्क में रहने वाले बारह सिंघों को बचाने में मदद करेगा।

वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्री ने नौ जनवरी को इस राष्ट्रीय पार्क का दौरा किया था।

इस बीच, वन्यजीव कर्मी व अन्य अधिकारी इलाके में पक्षियों व अन्य जीवों के संरक्षण में कई कारणों से समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

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