मनाली, 19 मई (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश में हिमपात का लुत्फ उठाने के लिए आए हजारों पर्यटकों को उस समय परेशानी का सामना करना पड़ा, जब मंगलवार को टैक्सी चालक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के
रोहतांग दर्रे पर चार्टर्ड वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का सभी टैक्सी चालक विरोध कर रहे हैं।
हिम-आंचल टैक्सी ऑपरेटर्स संघ के अध्यक्ष पी.सी.ठाकुर ने आईएएनएस को बताया कि एनजीटी के फैसले से 1,500 से अधिक टैक्सी चालकों और आतिथ्य सेवा सत्कार (हॉस्पिटैलिटी) कारोबार से जुड़े लोगों की आजीविका प्रभावित हुई है।
एनजीटी ने रोहतांग र्दे में तीन महीनों के लिए सिर्फ 1,000 वाहनों के आवागमन को मंजूरी दी है, जिसमें 600 पेट्रोल से चलने वाले वाहन होंगे।
रोहतांग दर्रे में पर्यटन उद्देश्य से आने वाले पेट्रोल वाहनों को प्रति यात्रा के लिए 1,000 रुपये की दर से पर्यावरणीय उपकर देना होगा। डीजल वाहनों के लिए 2,500 रुपये का उपकर लागू है।
इस मामले की अगली सुनवाई 25 मई को होगी। न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता में एनजीटी ने कहा कि पर्यटक वाहनों पर यह प्रतिबंध 14 अगस्त तक स्थगित कर दिया जाएगा।
इस विरोध प्रदर्शन में ऑटो चालक और निजी बस चालक भी शामिल हो गए हैं।
टैक्सी चालक संघ ने एनजीटी के फैसले की समीक्षा करने की मांग की है। क्योंकि वाहनों के प्रतिबंध से टैक्सी चालकों की आजीविका प्रभावित हुई है।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने 15 मई को कहा था कि राज्य सरकार एनजीटी से इस प्रतिबंध पर विचार करने का आग्रह करेगी।