Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the js_composer domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
 मिठाई पर भारी पड़ रहा सस्ता आम | dharmpath.com

Tuesday , 17 June 2025

Home » धर्मंपथ » मिठाई पर भारी पड़ रहा सस्ता आम

मिठाई पर भारी पड़ रहा सस्ता आम

ज्येष्ठ माह के दशहरा पर बाजार में आने वाली आम की नस्ल ‘दशहरी’ हो या चौसा, कलाकंदी हो या अपनी लंगड़ी चाल से सभी मिठाइयों की चाल बिगाड़ने वाला बनारसी लंगड़ा आम, आज बाजार में चारों ओर दिखाई पड़ रहे हैं। सिर्फ इतना ही नहीं, अपने बेजोड़ स्वाद व लोकप्रियता के कारण आज आम ने जहां बिक्री के मामले में सभी फलों को पीछे छोड़ दिया है, वहीं बड़ी-बड़ी हलवाई की दुकानों में सजी लजीज मिठाइयों पर भी आम भारी पड़ रहा है।

एक भाई का अपनी बहन के घर जाना या दामाद का अपने ससुराल जाना, मामा का अपने भांजे-भांजियों से मिलना हो या बुआ का अपने भतीजे-भतीजियों के प्रति प्यार, भारतीय संस्कृति में जब भी कोई ऐसी रिश्तेदारियों में आता-जाता है तो अक्सर मिठाई या फल लेकर ही आता है।

लेकिन अभी मिठाई के आसमान छूते दामों के कारण कहें या फिर फलों के राजा आम की बादशाहत, कि आज आम ने जहां लोगों की जबान का स्वाद मीठा किया हुआ है, वहीं मिठाई का व्यापार करने वाले दुकानदारों के मुंह का स्वाद कसैला कर दिया है।

आज रिश्तेदारियों में आने-जाने वाले ज्यादातर लोगों के हाथ में आम से भरे बैग देखे जा रहे हैं। इसके पीछे जहां आम की सुलभता से उपलब्धता एक कारण है, वहीं मिठाई व आम के दामों में भारी अंतर भी अपना असर डाल रहा है।

तुलनात्मक रूप से देखें तो सस्ती से सस्ती मिठाई भी जहां 350 रुपये प्रति किलो से कम नहीं मिल रही है, वहीं अच्छे आम के दाम 20 से 50 रुपये प्रति किलोग्राम चल रहे हैं, और यही कारण है कि घरों में बैठकर आम चूसने का मजा लेने के साथ-साथ रिश्तेदारियों में ले जाने के लिए भी लोग मिठाई के स्थान पर आम खरीदना ज्यादा पसंद कर रहे हैं।

तहसील चौराहे पर स्थित एक नगर प्रसिद्ध मिठाई की दुकान स्वामी के अनुसार पिछले महीने यानी ज्येष्ठ माह के दशहरे पर बाजार में आई दशहरी आम की नस्ल के बाद से मिठाई की बिक्री पर तेजी से प्रभाव पड़ा और बिक्री 50 से 60 प्रतिशत तक घट गई।

इस संबंध में राजधानी के छोटे-बड़े मिठाई विक्रेताओं ने बातचीत में यह स्वीकारा कि बाजार में इन दिनों वाकई आम की ही बादशाहत चल रही है। लोग आम खाना और अपने रिश्तेदारी में आम ले जाना ज्यादा पसंद कर रहे हैं, बनिस्पत मिठाई के।

आलमबाग के मिठाई विक्रेता रोहित का कहना है कि आम ने मिठाई की बिक्री पर आधे से ज्यादा, यानी 60 प्रतिशत तक का असर डाला रखा है। उन्हांेने कहा कि अब तो आम का सीजन जाने के बाद ही हमारी सेल बढ़ेगी।

मिठाई पर भारी पड़ रहा सस्ता आम Reviewed by on . ज्येष्ठ माह के दशहरा पर बाजार में आने वाली आम की नस्ल 'दशहरी' हो या चौसा, कलाकंदी हो या अपनी लंगड़ी चाल से सभी मिठाइयों की चाल बिगाड़ने वाला बनारसी लंगड़ा आम, आ ज्येष्ठ माह के दशहरा पर बाजार में आने वाली आम की नस्ल 'दशहरी' हो या चौसा, कलाकंदी हो या अपनी लंगड़ी चाल से सभी मिठाइयों की चाल बिगाड़ने वाला बनारसी लंगड़ा आम, आ Rating:
scroll to top