बुधवार की शुरुआती जांच के बाद गुरुवार को भूमि, अवसंरचना, परिवहन और पर्यटन मंत्रालय के अधिकारियों ने छापा मारा। इस मामले में कंपनी को अपने कर्मचारियों को ईंधन संबंधी आंकड़ों में हेराफेरी करने की अनुमति देने के लिए दंडित किया जा सकता है।
ईंधन क्षमता के गलत दावे के साथ कंपनी ने कुल 6,25,000 कारें बेची हैं। इनमें से 4,68,000 कारें निसान मोटर कंपनी को दी गई हैं। परिवहन मंत्री ने कंपनी को 27 अप्रैल से पहले हेराफेरी वाले दस्तावेज पेश करने के लिए कहा है।
एक वैगन, एक स्पेस सिटी कार और निसान की डेज और डेज रूक्स मॉडल की कारें इस मामले में प्रभावित हुई हैं।
जानकारों के मुताबिक, इस मामले में कंपनी को ग्राहकों को 50 अरब येन (45.6 करोड़ डॉलर) मुआवजा देना पड़ सकता है। इसके साथ ही सरकार भी अलग से जुर्माना लगा सकती है।