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मुस्लिम विरोधी छवि से बाहर निकलने में जुटा संघ

sanghलखनऊ: वर्ष 2014 में होने वाले आम चुनाव से पहले देश के मुस्लिमों के बीच अपनी छवि सुधारने के लिए अब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) ने भी कमर कस ली है.

संघ इस कोशिश में जुटा है कि विपक्षी पार्टियों को संघ को मुसलमान विरोधी ठहराने में सफल न होने दिया जाए. इसी कोशिश के तहत संघ ने राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के माध्यम से मुस्लिम समाज के बीच अपनी पैठ बनाने की रणनीति तैयार की है.

सूत्रों की मानें तो कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), जनता दल-युनाइटेड (जदयू) और वामपंथी विचारधारा से जुड़ी राजनीतिक पार्टियों द्वारा संघ को मुसलमान विरोधी तथा सांप्रदायिक बताए जाने पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बहुत खफा है.

मुस्लिम मंच के राष्ट्रीय संगठन संयोजक गिरीश जुयाल ने कहा कि कई पार्टियां संघ को मुसलमानों का दुश्मन बताती है जो सच्चाई से परे है.

संघ तो देश को सवरेपरि मानकर देश व समाज सेवा में निरंतर कार्य करने वाला एक देशभक्त संगठन है. लेकिन इन पार्टियों ने अपनी-अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए संघ को देशभर में मुस्लिम विरोधी होने का दुष्प्रचार किया है. इस दुष्प्रचार की हकीकत मुसलमानों को बताने के लिए मंच के कार्यकर्ता जनवरी माह में एक महाअभियान चलाएंगे.

जुयाल ने कहा, “संघ ने कभी भी किसी धर्म का अपमान नहीं किया. संघ का उद्देश्य है कि सभी भारतवासी एकजुट होकर देश को सवरेपरि मानें और अपनी मातृभमि को समृद्ध व सशक्त बनाने के लिए आगे आएं.”

उन्होंने बताया कि मुस्लिम व गैर मुस्लिमों के बीच समन्वय बनाने के लिए ही इस मंच द्वारा 14, 15 व 16 दिसंबर को मुंबई के बोरीवली के निकट ‘राम भाऊ प्रबोधनी परिसर’ में तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है.

मंच के राष्ट्रीय संगठन संयोजक के मुताबिक कार्यशाला का विषय ‘भारतीय मुसलमानों की दशा व दिशा समग्र चिंतन’ रखा गया है जिसमें देशभर के विभिन्न प्रांतों से करीब तीन सौ मुस्लिम बंधु हिस्सा लेंगे.

इस वर्ग में मुसलमान तथा हिंदुओं के बीच खाई को पाटने के लिए करीब 26 बिंदुओं का चयन किया गया है.

उन्होंने बताया कि इस चिंतन शिविर में प्रमुख रूप से हिंदुस्तानी मुसलमानों की जड़ें, इस्लाम का हिंदुस्तान व हिंदुस्तान का इस्लाम पर प्रभाव, मुसलमानों की शिक्षा और आर्थिक विकास, वोट बैंक की राजनीति और मुसलमान, इस्लाम और परिवार नियोजन और शरीयत कानून पर भी चर्चा होगी.

उन्होंने कहा कि तलाक और औरत के प्रति नजरिया, इस्लाम और काफिर व जेहाद के सही मायने, क्या आतंकवाद जेहाद है और गाय पर इस्लामी नजरिया संबंधित कई मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा.

संघ सूत्रों की मानें तो इस बैठक में मंच के संरक्षक व संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार, संघ के सह सरकार्यवाह डॉ़ कृष्ण गोपाल, तनवीर अहमद, मुख्तार अब्बास नकवी, शाहनवाज हुसैन, मौलाना अह्बुद्दीन खान, लतीफ मकदूम जैसी जानी-मानी हस्तियां मौजूद रहेंगी.

सूत्रों के मुताबिक, इस चिंतन बैठक में हिस्सा लेने के लिए मुस्लिम समाज में काफी उत्साह है. मुंबई में होने वाली इस तीन दिवसीय कार्यशाला में उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड से मुस्लिम समुदाय से जुड़े करीब 75 लोगों के हिस्सा लेने का अनुमान है.

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