Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the js_composer domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121
 ..लेकिन उसे घर आना नसीब न हुआ | dharmpath.com

Sunday , 15 June 2025

Home » विश्व » ..लेकिन उसे घर आना नसीब न हुआ

..लेकिन उसे घर आना नसीब न हुआ

दुबई, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। गरीबी और जरूरत उसे परदेस ले गई। जरूरतें पूरी करने में उसकी उम्र कट गई। फिर, वह वक्त आया जब लगा कि अब 10 साल से भी ज्यादा के बाद वह घर लौटेगा। लेकिन, उसे ऐसा दिल का दौरा पड़ा कि उसकी मौत हो गई। वह अपने वतन नहीं लौट सका।

दुबई, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। गरीबी और जरूरत उसे परदेस ले गई। जरूरतें पूरी करने में उसकी उम्र कट गई। फिर, वह वक्त आया जब लगा कि अब 10 साल से भी ज्यादा के बाद वह घर लौटेगा। लेकिन, उसे ऐसा दिल का दौरा पड़ा कि उसकी मौत हो गई। वह अपने वतन नहीं लौट सका।

यह सच्ची कहानी 67 साल के अब्दुल खादेर मीरन की है। तमिलनाडु के तंजावुर के रहने वाले मीरन को 22 सितंबर को कतर में अपने निवास के रसोईघर में दिल का दौरा पड़ा और उसकी मौत हो गई।

गल्फ टाइम्स की शनिवार की रपट के मुताबिक मीरन कतर में एक गोदाम में गार्ड का काम करता था। पांच बेटियों के पिता मीरन ने बीते 10 साल से भी ज्यादा के समय में कई तरह के छोटे-मोटे काम किए। अर्थिक दिक्कतों की वजह से वह चाहकर भी अपने घर नहीं जा सका। गल्फ टाइम्स ने मीरन के एक दोस्त के हवाले से बताया कि यहां तक कि अपनी सबसे छोटी बेटी की शादी में भी वह घर नहीं जा सका।

मीरन का दोस्त ड्राइवर है। उसने कहा, “मीरन की सभी घरेलू जिम्मेदारियां पूरी हो चुकी थीं। वह बहुत जल्द ही कतर छोड़कर घर लौटने वाला था।”

उसने कहा, “अगर कोई खर्च उठा ले तो मैं मीरन का शव भारत ले जाने के लिए तैयार हूं ।”

ऐसे बहुत से भारतीय प्रवासी होते हैं जो आर्थिक दिक्कतों की वजह से कई-कई साल तक अपने वतन नहीं लौट पाते। कभी-कभी कुछ मामलों में भारतीय समुदाय या किसी परोपकारी इंसान की किसी को मदद मिल जाती है। लेकिन, ऐसे लोग भी बहुत हैं जिनकी मौत कतर में ही हो गई।

..लेकिन उसे घर आना नसीब न हुआ Reviewed by on . दुबई, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। गरीबी और जरूरत उसे परदेस ले गई। जरूरतें पूरी करने में उसकी उम्र कट गई। फिर, वह वक्त आया जब लगा कि अब 10 साल से भी ज्यादा के बाद वह घर दुबई, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। गरीबी और जरूरत उसे परदेस ले गई। जरूरतें पूरी करने में उसकी उम्र कट गई। फिर, वह वक्त आया जब लगा कि अब 10 साल से भी ज्यादा के बाद वह घर Rating:
scroll to top