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 विकास और जन-कल्याण का सशक्त माध्यम है भारतीय प्रशासनिक सेवा – मुख्यमंत्री श्री चौहान | dharmpath.com

Wednesday , 18 June 2025

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विकास और जन-कल्याण का सशक्त माध्यम है भारतीय प्रशासनिक सेवा – मुख्यमंत्री श्री चौहान

January 20, 2023 10:22 pm by: Category: प्रशासन Comments Off on विकास और जन-कल्याण का सशक्त माध्यम है भारतीय प्रशासनिक सेवा – मुख्यमंत्री श्री चौहान A+ / A-

भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा, व्यक्ति को समाज, देश और प्रदेश के विकास तथा जन-कल्याण का अवसर प्रदान करती है। यहाँ हमें अपने विज़न से विकास और सेवा का अवसर मिलता है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों से अपेक्षा है कि वे पारदर्शी, तकनीकी समझ से परिपूर्ण, सृजनशील दृष्टिकोण से युक्त, कल्पनाशील और नवाचारी हों। यह भी आवश्यक है कि वे सक्रिय, विनम्र, व्यावसायिक रूप से दक्ष, प्रगतिशील, सक्षम और ऊर्जावान रहें। इन सब के साथ यह भी आवश्यक है कि अधिकारी संवेदनशील हों। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अधिकारियों को विलक्षण कार्य तथा समर्पित भाव से जन-सेवा के लिए प्रेरित करते हुए कवि रामधारी सिंह दिनकर की पंक्तियाँ “मरणोपरान्त जीने की है यदि चाह तुझे, तो सुन, बतलाता हूँ मैं सीधी सी राह तुझे। लिख ऐसी कोई चीज की दुनिया डोल उठे, या कर कुछ ऐसा काम, जमाना बोल उठे” पढ़ीं। मुख्यमंत्री श्री चौहान प्रशासन अकादमी में आई.ए.एस. सर्विस मीट 2023 के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। मीट 22 जनवरी तक होगी।

आप मेरी टीम नहीं, परिवार के सदस्य हैं

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आई.ए.एस. ऑफिसर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित सर्विस मीट को संबोधित करते हुए कहा कि आप मेरी टीम नहीं, परिवार के सदस्य हैं। हम सब एक मिशन और लक्ष्य के लिए काम कर रहे हैं। हमने कोविड के कठिन काल में जिन चुनौतियों और कठिनाइयों में कार्य किया, वह अकल्पनीय है। कई अधिकारियों ने कोविड प्रभावित होने के बाद भी व्यवस्थाएँ संभाली और जन-सहयोग से नवाचार और परिश्रम की पराकाष्ठा के साथ प्रदेश को कोविड क्राइसिस से मुक्त करने का मार्ग प्रशस्त किया। प्रदेश में अन्य राज्यों से आए मजदूरों को भी मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराई गईं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मुक्त कंठ से टीम मध्यप्रदेश की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रदेश ने श्रेष्ठतम कोविड प्रबंधन का परिचय दिया।

अद्भुत रही प्रदेश की विकास यात्रा

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की विकास यात्रा अद्भुत रही है। हम बीमारू राज्य थे, पर अब पर केपिटा इन्कम, जीएसडीपी, राजस्व संकलन, सिंचाई क्षमता के विस्तार, गेहूँ उत्पादन और सौर ऊर्जा में हमने अभूतपूर्व उपलब्धियाँ अर्जित की हैं। सुशासन के क्षेत्र में प्रदेश, देश में सर्वश्रेष्ठ राज्य के रूप में उभरा है। कोरोना काल में आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लिए अधो-संरचना, अर्थ-व्यवस्था एवं रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा पर केन्द्रित करते हुए बनाए गए रोडमैप पर राज्य सरकार निरंतर अग्रसर है। सी.एम. राईज स्कूल, अस्पतालों की बेहतर होती स्थिति प्रदेश के विकास को दर्शाते हैं। हाल ही में इंदौर में हुए प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट ने प्रदेश की सकारात्मक छवि को वैश्विक स्तर पर स्थापित किया है। इंदौर में जनता को जोड़ कर की गई व्यवस्था, होम-स्टे की सुविधा, छप्पन दुकान और सराफा में हुई आवभगत परिवार की भावना के विस्तार का अद्भुत उदाहरण रहा। प्रदेश में 15 लाख 42 हजार 550 करोड़ के निवेश की इच्छा का प्रदर्शन टीम मध्यप्रदेश की कुशल कार्य-प्रणाली से ही संभव हुआ है।

मुख्यमंत्री ने सराहे कलेक्टर्स के नवाचार और संवदेनशील कार्य

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जिला कलेक्टर्स द्वारा किए जा रहे नवाचार और संवेदनशील कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारा प्रयास निरंतर यह हो कि हम और बेहतर कैसे करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इंदौर में जन-सुनवाई में आई दिव्यांग महिला को उपलब्ध कराई गई ट्रायसिकल, बड़वानी में कुष्ठ रोगियों के लिए की गई आवास व्यवस्था, मंडला में एडाप्ट एन आँगनवाड़ी में हुए कार्य, डिण्डौरी में जन-सेवा में सक्रियता, सीहोर में विद्यार्थियों के लिए स्मार्ट क्लास और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों की व्यवस्था की सराहना करते हुए कहा कि कलेक्टर अपने जिलों में अपने स्तर पर नवाचार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान में 83 लाख हितग्राही लाभान्वित हुए। यह सुशासन का अद्भुत उदाहरण है। भारतीय प्रशासनिक सेवा में आए व्यक्ति चाहते तो निजी कम्पनियों में बड़े वेतन पर नौकरी कर रहे होते, परंतु सेवा और देश बनाने की उनकी भावना है जो व्यक्ति को गर्व और गौरव प्रदान करती है।

हमें देश को और बेहतर बनाने के लिए निरंतर सक्रिय रहना है

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश का वातावरण बदला है और दुनिया के देशों में भारत के प्रति सोच में भी परिवर्तन आया है। कोरोना के कठिन काल में देश ने आठ माह में दुनिया को दो वैक्सीन उपलब्ध कराईं। हाल ही में हुए प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन में सूरीनाम और गुयाना के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री श्री मोदी का आभार मानते हुए कहा कि भारत के सहयोग से ही हमारे देशवासियों की जीवन रक्षा संभव हुई। रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत सहित अन्य देशों के विद्यार्थियों को सुरक्षित निकालने में भी विश्व ने भारत के प्रभाव का अनुभव किया। हमारा देश कई क्षेत्रों में दुनिया का नेतृत्व कर रहा है। जी-20 सम्मेलन में अध्यक्षता का अवसर मिलना इसका प्रतीक है। हम अपने देश को और बेहतर कैसे बना सकते हैं, इस दिशा में हमें सकारात्मक भाव के साथ उत्साह और ऊर्जा से परिपूर्ण रहते हुए निरंतर सक्रिय रहना है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताई नियमित दौरों की आवश्यकता

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अधिकारियों के जनता से जुड़े रहने तथा वास्तविक स्थितियों की जानकारी के लिए नियमित रूप से क्षेत्र में भ्रमण (दौरे) की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि श्री महाकाल महालोक के निर्माण से उज्जैन की अर्थ-व्यवस्था बदल गई है। श्योपुर में चीतों के आने के बाद जिले में पर्यटन के विकास तथा उससे रोजगार सृजन के लिए प्रभावी परियोजना बना कर उसका क्रियान्वयन करना आवश्यक है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में इस प्रकार की पहल करने से राज्य तथा प्रदेशवासियों की बेहतरी तेज गति से होगी।

परिवार को पर्याप्त समय दें

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्रीमद् भगवत गीता में उल्लेखित सात्विक कार्यकर्ता के गुणों को आत्म-सात करने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि राग-द्वेष से रहित, अहंकार शून्य प्रवृत्ति के साथ धैर्य बनाए रखते हुए पूर्ण उत्साह के साथ कार्यरत रहना आवश्यक है। स्वामी विवेकांनद, व्यक्ति को अनंत शक्तियों का भंडार मानते थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को अपने कार्य के प्रति सकारात्मक, आनंद और उत्साहपूर्ण दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि मन की प्रसन्नता, स्वस्थ शरीर और परिवार में सुखद वातावरण बनाए रखना आवश्यक है। जीवनसाथी के प्रति संवेदनशीलता, बच्चों की शिक्षा और उन्हें स्नेहपूर्ण व्यवहार देने से हमारा वातावरण और चित्त बेहतर होता है तथा हम अधिक सक्रियता तथा एकाग्रता से कार्य करने में सक्षम होते हैं। अत: यह आवश्यक है कि हम परिवार को पर्याप्त समय दें। इससे स्नेह और आत्मीयता के बंधन ढीले नहीं पड़ेंगे।

 

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