नई दिल्ली, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)। सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) पर वैश्विक खर्च 2016 में साल-दर-साल आधार पर 1.5 फीसदी बढ़कर 3,600 अरब डॉलर से अधिक हो जाएगा। यह बात आईटी शोध और परामर्श कंपनी गार्टनर ने कही।
आईटी उद्योग डिजिटल कारोबार पर आधारित हैं। गार्टनर के मुताबिक इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) हार्डवेयर पर खर्च 2016 प्रति मिनट 25 लाख डॉलर को पार कर जाएगा।
अगले पांच साल में हर घंटे 10 लाख नए उपकरण ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। इस आपसी संपर्क वाले माहौल में अरबों नए संबंध बनेंगे। ये संबंध सिर्फ डाटा पर नहीं, बल्कि अल्गोरिथम पर आधारित होंगे।
गार्टनर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और शोध विभाग के वैश्विक प्रमुख पीटर सोंडरगार्ड ने कहा, “डाटा खुद कुछ नहीं करता, जब तक आप यह नहीं समझें कि इसका कैसे उपयोग करना है और इसके साथ कैसे व्यवहार करना है।”
उन्होंने कहा, “असली बात अल्गोरिथम में होती है। अल्गोरिथम से कार्य तय होता है। डायनेमिक अल्गोरिथम ग्राहकों से संवाद की नई प्रणाली के मूल में है।”
सोंडरगार्ड ने कहा, “अल्गोरिथम पर आधारित अर्थव्यवस्था से आईओटी में मशीन-टू-मशीन प्रणाली की नई बड़ी छलांग को ताकत मिलेगी।”