नई दिल्ली, 26 मई (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने गुरुवार को एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रघुराम राजन को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) गवर्नर पद से हटाने की मांग की। उन्होंने राजन पर अन्य बातों के अलाव राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की अवमानना करने का आरोप लगाया।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में स्वामी ने एक सरकारी अधिकारी के रूप में राजन और उनके तौर-तरीकों के विरुद्ध छह आपत्तियां दर्ज की।
स्वामी ने राजन पर अन्य आरोपों के अलावा ब्याज दर बढ़ाने (जिसके कारण स्वामी के मुताबिक मंदी पैदा हुई), गोपनीय और संवेदनशील वित्तीय सूचनाएं दुनियाभर में विभिन्न लोगों को देने और भाजपा सरकार का सार्वजनिक तौर पर अपमान करने का आरोप लगाया।
स्वामी ने लिखा, “राजन के ब्याज दर बढ़ाने पर जोर देने से घरेलू लघु और मध्यम उद्योगों में मंदी पैदा हुई और इसके कारण न सिर्फ उत्पादन घटा, बल्कि अर्ध कुशल श्रमिकों में बड़े पैमाने पर बेरोजगार पैदा हुई।”
स्वामी ने राजन पर भारत सरकार के संवेदनशील और उच्चस्थ पद पर रहने के बावजूद अमेरिकी ग्रीन कार्ड रखने, शरिया अनुरूप वित्तीय संस्थान स्थापित करने पर बल देने और अमेरिकी वर्चस्व वाले ‘ग्रुप ऑफ 30’ का सदस्य होने का भी आरोप लगाया।
इस बीच केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि वह आरबीआई गवर्नर पर व्यक्तिगत आक्षेप की आलोचना करते हैं।
जेटली ने एनडीटीवी से कहा, “मैं आरबीआई गवर्नर तो क्या किसी पर भी व्यक्तिगत टिप्पणी को पसंद नहीं करता। आरबीआई एक महत्वपूर्ण संस्थान है। वह अपने फैसले लेता है। कोई उसके फैसले से सहमत या असहमत हो सकता है, लेकिन वह विचार-विमर्श का विषय हो सकता है।”
गत महीने राज्यसभा सदस्य नामित होने के बाद से स्वामी लगातार राजन पर हमला कर रहे हैं।
16 मई को भी स्वामी ने मोदी को एक पत्र लिखकर राजन को पद से हटाने का सुझाव देते हुए कहा था कि वह मानसिक तौर पर पूरी तरह भारतीय नहीं हैं।
12 मई को भी स्वामी ने राजन पर देश में महंगाई और बेरोजगारी बढ़ाने का आरोप लगाते हुए उन्हें तत्काल पद से हटाने की मांग की थी।
राजन का कार्यकाल तीन सितंबर को समाप्त हो रहा है। आरबीआई गवर्नर पद पर उन्हें संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने नियुक्त किया था।