सिडनी, 24 अप्रैल (आईएएनएस)। महासागरों की परिसंपत्तियां जैसे मत्स्य उद्योग, नौवहन मार्ग तथा पर्यटन की कुल कीमत 24 हजार अरब डॉलर है और इससे सालाना 2500 अरब डॉलर की कमाई होती है। अंतर्राष्ट्रीय संरक्षण समूह वर्ल्ड वाइड फंड (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) ने अपनी हालिया रपट में यह बात कही है।
रपट “रिवाइविंग द ओशन इकोनॉमी” में महासागरों की कुल कीमत लगाने का प्रयास किया गया है तथा इसे बचाने के लिए कदम सुझाया गया है।
सेंट लुसिया के युनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड्स ग्लोबल चेंज इंस्टीट्यूट के निदेशक समुद्री वैज्ञानिक व मुख्य लेखक ओव होग-गल्डबर्ग ने कहा, “यदि महासागर एक देश हो, तो यह ग्रह की सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी। मुझे नहीं लगता कि इस बात से कोई समुद्र वैज्ञानिक आश्चर्यचकित होगा, लेकिन समुद्र विज्ञान से बाहर के लोगों के लिए यह चकित करने वाली बात होगी।”
उन्होंने कहा, “एक प्राकृतिक वैज्ञानिक होने के नाते मैं अर्थशास्त्रियों के प्रति शंकालु हूं।”
रपट में समुद्र को एक प्रणाली के रूप में देखा गया है, जबकि पहले के प्रयासों में ऐसा नहीं किया गया था।
उन्होंने कहा, “अतीत में हमने स्थानीय व वैश्विक कारकों, मछली पकड़ने व समुद्र रसायन आदि के बीच संबंधों पर ध्यान नहीं दिया।”
उन्होंने आगे कहा, “हम बिल्कुल सही कीमत का आकलन नहीं कर पाने के लिए माफी नहीं मांगते। हमें एक संख्या मिली है, जिसे हम जानते हैं कि यह न्यूनतम है और इस मामले में यह बहुत-बहुत बड़ी है।”