इस्लामाबाद, 9 दिसम्बर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के एक पूर्व मंत्री का आरोप है कि पाकिस्तान-अफगानिस्तान के संबंधों के सामान्य होने की राह में भारत मुख्य रोड़ा है।
समाचार-पत्र ‘डॉन’ की बुधवार की रिपोर्ट के अनुसार, आंतरिक और नारकोटिक्स नियंत्रण पर सीनेट की स्थायी समिति के अध्यक्ष रहमान मलिक ने मंगलवार को कहा कि भारत और इसकी खुफिया एजेंसियां नहीं चाहतीं कि अफगानिस्तान व पाकिस्तान के द्विपक्षीय विवादों का हल बातचीत के जरिये हो।
मलिक का आरोप ऐसे समय में आया है, जब भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ‘हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन में भाग लेने के लिए यहां आई हुई हैं।
मलिक ने आरोप लगाया कि बलूचिस्तान, संघ प्रशासित कबायली इलाकों और कराची में आतंकवादी गतिविधियों में भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) संलिप्त है।
मलिक ने पाकिस्तान सरकार से आग्रह किया है कि वह देश में भारत की दखलंदाजी के मुद्दे और पाकिस्तान में चल रही आतंकवादियों गतिविधियों में रॉ की संलिप्तता के सबूत सुषमा के सामने रखे।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को कश्मीर और पानी के मुद्दे को ‘हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन में उठाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान जब भी अफगानिस्तान के साथ अपने विवादों को सुलझाने के लिए वार्ता के रास्ते खोलने का प्रयास करता है, भारत रोड़े अटकाता है।”
मलिक ने जोर देते हुए कहा, “शांतिपूर्ण पाकिस्तान के लिए शांतिपूर्ण अफगानिस्तान जरूरी है।”
उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में शांति बहाल करने के लिए कई कुर्बानियां दी हैं और युद्धग्रस्त देश में पुनर्निर्माण के लिए मदद व सहयोग का हाथ बढ़ाया है।