इसमें से एक एफटीए चीन और दक्षिण कोरिया के बीच और दूसरा चीन और आस्ट्रेलिया के बीच है।
समझौते के तहत धीरे-धीरे दक्षिण कोरिया के 91 फीसदी उत्पादों और आस्ट्रेलिया से आने वाले 97 फीसदी उत्पादों से शुल्क हटा लेगा। एक निश्चित अवधि की मोहलत के बाद दक्षिण कोरिया चीन के 92 फीसदी उत्पादों और आस्ट्रेलिया चीन के समस्त उत्पादों से शुल्क हटा लेगा।
चीन द्वारा दूसरे देशों के साथ किए गए सभी एफटीए में दक्षिण कोरिया के साथ किए गए एफटीए में व्यापार का आकार सबसे अधिक है। दोनों देशों के बीच 12 हजार अरब डॉलर का कम शुल्क वाला बाजार तैयार होगा।
ये एफटीए सुस्त वैश्विक अर्थव्यवस्था का सही समाधान प्रस्तुत करते हैं : मुक्त व्यापार और मुक्त सोच।
मोहलत अवधि के बाद आस्ट्रेलिया के कृषि उत्पादों पर चीन में शुल्क 12.94 फीसदी से घटकर औसत 0.51 फीसदी रह जाएगा।
अभी चीन के 22 देशों और क्षेत्रों के साथ 14 एफटीए हैं। कुछ और एफटीए पर वार्ता चल रही है।
गत सप्ताह चीन के मंत्रिमंडल ने कहा कि कुल विदेशी व्यापार में एफटीए साझेदारों के साथ होने वाले व्यापार के अनुपात को बढ़ाकर विकसित देशों के साथ होने वाले व्यापार तक किया जाएगा।
दक्षिण कोरिया और आस्ट्रेलिया एशिया-प्रशांत क्षेत्र की दो आर्थिक महाशक्तियां हैं। इस नजर से दोनों एफटीए चीन के लिए एक बड़ा कदम है।
लंबे समय से चीन एशिया-प्रशांत मुक्त व्यापार क्षेत्र (एफटीएएपी) स्थापित करने पर जोर दे रहा है।
चीन के लिए विदेशी वस्तुओं और सेवाओं के अधिकाधिक उपयोग से घरेलू नवाचार बढ़ेगा, जबकि विदेश में बड़ा बाजार मिलने से चीन की प्रतियोगी कंपनियों को बड़े अवसर हासिल होंगे।
कठिन आर्थिक परिस्थितियों से निकलने में सहयोग से सिर्फ मदद मिलेगी। इससे नुकसान नहीं होगा। चीन और पूरी दुनिया को होने वाले लाभ को देखते हुए नए एफटीए और इसमें छुपे संदेशों की सराहना की जानी चाहिए।