श्रीलंका के सीमा शुल्क विभाग द्वारा 2012 में इन हाथी दांतों को जब्त किया गया था। इन्हें दुबई से केन्या ले जाया जा रहा था। जब्त किए गए 359 से अधिक अफ्रीकी हाथी दांतों का वजन करीब 1,500 किलोग्राम था।
इन हाथी दांत को कोलंबो के गाले फेस ग्रीन में सार्वजनिक रूप से नष्ट किया गया। इस मौके पर वित्त मंत्री रवि करुणानायके, वन्य जीव एवं वनस्पति की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतरराष्ट्रीय व्यापार कन्वेंशन के महासचिव जॉन ई. स्केनलॉन, सतत विकास और वन्य जीव मंत्री गामिनी जयविक्रम परेरा सहित कई सरकारी अधिकारी उपस्थित थे।
इन हाथी दांत को पहले एक ‘क्रशर’ मशीन में डाला गया और इसके बाद इसके चूरे को सीमेंट फैक्ट्री में जलाने के लिए भेज दिया गया। इस पूरी प्रक्रिया के तहत कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए थे।
श्रीलंका ने इसके साथ ही ‘सिल्की शार्क’ को बचाने की शपथ भी ली और अन्य देशों से साथ मिलकर इस दिशा में काम करने की अपील भी की।