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 दीपावली के द‍िन लक्ष्‍मी पूजन का क्या है व‍िधान?जानिये | dharmpath.com

Wednesday , 18 June 2025

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दीपावली के द‍िन लक्ष्‍मी पूजन का क्या है व‍िधान?जानिये

October 15, 2022 9:46 am by: Category: धर्म-अध्यात्म Comments Off on दीपावली के द‍िन लक्ष्‍मी पूजन का क्या है व‍िधान?जानिये A+ / A-

मां लक्ष्‍मी भोग की अध‍िष्‍ठात्री देवी हैं इनकी स‍िद्धी से ही जीवन में भौत‍िक सुख-सुव‍िधाएं प्राप्‍त होती हैं। यहां लक्ष्‍मी का वास होता है। वहां सुख-समृद्धि का वास होता है

प्रत्‍येक वर्ष कार्तिक कृष्‍ण अमावस्‍या के द‍िन लक्ष्‍मी पूजन करने का व‍िधान है। इस द‍िन भगवान श्रीराम रावण का वध करके लंका व‍िजय प्राप्‍त करके अयोध्‍या लौटे थे। इसी द‍िन भगवान व‍िष्‍णु ने दैत्‍यराज बलि की कैद से लक्ष्‍मी सह‍ित अन्‍य देवताओं की छुड़वाया तो उनका सारा धन-धान्‍य, राजपाठ और वैभवलक्ष्‍मीजी की कृपा से पुन: पर‍िपूर्ण हुआ था। इसल‍िए दीपावली के द‍िन लक्ष्‍मी पूजन क‍िया जाता है। मां लक्ष्‍मी भोग की अध‍िष्‍ठात्री देवी हैं इनकी स‍िद्धी से ही जीवन में भौत‍िक सुख-सुव‍िधाएं प्राप्‍त होती हैं। यहां लक्ष्‍मी का वास होता है। वहां सुख-समृद्धि का वास होता है। तो आइए जानते हैं क्‍या है पूजा का व‍िध‍ि-व‍िधान?

लक्ष्‍मी पूजन की तैयारी सायंकाल से शुरू की जाती है। एक चौकी पर लक्ष्‍मी और गणेश की मूर्तियां इस प्रकार रखें क‍ि लक्ष्‍मी के दायीं द‍िशा में गणेश रहें और उनका मुख पूर्व द‍िशा की ओर रहे। उनके सामने बैठकर चावलों पर कलश की स्‍थापना करें। वरुण के प्रतीक इस कलश पर एक नार‍ियल लाल वस्‍त्र में लपेटकर इस प्रकार रखें क‍ि केवल अग्रभाग ही द‍िखाई दे। दो बड़े दीपक लेकर एक में घी और दूसरे में तेल भरकर रखें। एक को मूर्तियों के चरणों में और दूसरे को चौकी की दाई तरफ रखें।

चौकी पर रखें गणेशजी के सामने एक छोटा सा दीपक रखें। इसके बाद शुभ मुहूर्त के समय जल, मौली, अबीर, चंदन, गुलाल, चावल, धूपबत्‍ती, गुड़, फूल, नैवेद्य आद‍ि लेकर सबसे पहले पव‍ित्रीकरण करें। फ‍िर सारे दीपकों को जलाकर उन्‍हें नमस्‍कार करें। उनपर चावल छोड़ दें। पहले पुरुष और बाद में स्त्रियां गणेशजी, लक्ष्‍मीजी व अन्‍य देवी-देवताओं का व‍िध‍िवत् षोडशोपचार पूजन, श्रीसूक्‍त, लक्ष्‍मी सूक्‍त व पुरुष श्रीसूक्‍त का पाठ करें और आरती उतारें।

बही खातों की पूजा करने के बाद नए ल‍िखने की शुरुआत करें। तेल के अनेक दीपक जलाकर घर के हर कमरे में, त‍िजोरी के पास, आंगन और गैलरी आद‍ि जगह पर रखें। ताकि क‍िसी जगह पर अंधेरा न रह जाए। खांड की म‍िठाइयां, पकवान और खीर आद‍ि का भोग लगाकर सबको प्रसाद बांटे।

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