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खाद्य वनस्पति तेलों में वसा और ट्रांस-फैट को सीमित करने की प्रक्रिया शुरू

नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)। खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने सभी खाद्य वनस्पति तेलों में वसा और ट्रांस-फैट को वजन के हिसाब से दो प्रतिशत तक सीमित करने के नियम को नोटिफाई करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

हार्टकेयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) ने देश में सभी रेस्तरां, कैफे, होटल और किराने की वस्तुओं में ट्रांस फैट के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के लिए तत्काल कदम उठाने और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने की अपील की थी।

एचसीएफआई के अध्यक्ष डॉ. के. के. अग्रवाल ने कहा, “100 से अधिक वर्षों से ट्रांस फैट प्रमुख जंक फूड्स में प्रमुख है। वे रासायनिक रूप से हाइड्रोजन को वनस्पति तेल में जोड़कर बनाए जाते हैं। ट्रांस फैट पैक किए गए खाद्य पदार्थों की शेल्फ लाइफ को बढ़ाता है और रेस्तरां में इसे डीप फ्राइंग के लिए तेल के रूप में उपयोग किया जाता है, क्योंकि इसे अक्सर अन्य तेलों के रूप में बदलने की आवश्यकता नहीं होती है।”

उन्होंने कहा, “भारत में एफडीए के इस कदम को दोहराये जाने की आवश्यकता है। ट्रांस फैट के स्वास्थ्य प्रभाव अज्ञात नहीं हैं, फिर भी इनकी खपत जारी है। ट्रांस फैट एलडीएल को बढ़ाता है। इसके अलावा, यह सूजन को भी बढ़ा देते हैं और रक्त वाहिकाओं के अंदर खून के थक्के जमने की प्रवृत्ति में वृद्धि करते हैं।”

डॉ. अग्रवाल ने बताया, “ट्रांस फैट में समृद्ध खाद्य पदार्थों में अतिरिक्त चीनी और कैलोरी की अधिकता होती है। समय के साथ, यह वजन बढ़ाने और यहां तक कि टाइप 2 मधुमेह के लिए मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं और दिल की समस्याओं को बढ़ा सकते हैं। अब इस तथ्य पर प्रतिक्रिया देने का समय आ गया है, ताकि भोजनालयों में इनके उपयोग के खिलाफ खड़ा हुआ जाए क्योंकि अनेक लोग नियमित रूप से रेस्तरां में खाना खाते हैं।”

डॉ अग्रवाल ने कुछ सुझाव देते हुए कहा, “ऐसा भोजन करें जिसमें संतृप्त वसा, ट्रांस वसा और कोलेस्ट्रॉल कम हो। संतृप्त और ट्रांस वसा की जगह पर मोनो और पॉलीअनसैचुरेटेड फैट को आहार में शामिल करें। वनस्पति तेल (नारियल और ताड़ के कर्नेल के तेलों को छोड़कर) और मुलायम मार्गरीन (तरल, ट्यूब या स्प्रे) को चुनें, क्योंकि संतृप्त और ट्रांस फैट की संयुक्त मात्रा ठोस शॉटिर्ंग, हार्ड मार्गरीन और पशु वसा की मात्रा से कम है। मीट की तुलना में मछली में संतृप्त वसा कम होती है।”

उन्होंने कहा, “मैकेरल, सार्डिन और सामन जैसी कुछ मछलियों में ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं, जिनका यह निर्धारित करने के लिए अध्ययन किया जा रहा है कि क्या वे हृदय रोग के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करते हैं। कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा वाले खाद्य पदार्थों को सीमित करें, जैसे कि होल मिल्क, लिवर और अन्य अंग, मांस, अंडे का योक और सिर्फ वसा वाले डेयरी उत्पाद आदि। वसा रहित या एक प्रतिशत डेयरी उत्पादों, लीन मीट, मछली, साबुत अनाज वाले खाद्य पदार्थ और फल व सब्जियों जैसे संतृप्त वसा वाले भोजन को चुनें।”

खाद्य वनस्पति तेलों में वसा और ट्रांस-फैट को सीमित करने की प्रक्रिया शुरू Reviewed by on . नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)। खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने सभी खाद्य वनस्पति तेलों में वसा और ट्रांस-फैट को वजन के हिसाब से दो प्रतिशत तक सी नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)। खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने सभी खाद्य वनस्पति तेलों में वसा और ट्रांस-फैट को वजन के हिसाब से दो प्रतिशत तक सी Rating:
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