दमिश्क, 14 मार्च (आईएएनएस)। सीरिया के शिविरों में रह रहे इस्लामिक स्टेट (आईएस) के कब्जे वाले परिवारों में अब तक करीब 3000 बच्चों का जन्म हुआ है। इनमें 6 साल से छोटे कई ऐसे बच्चे हैं जो भीषण दयनीय परिस्थितियों में जी रहे हैं।
यूनिसेफ द्वारा जारी गुरुवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, इन बच्चों की संख्या पिछले आंकड़ों के मुकाबले काफी ज्यादा है।
द गार्जियन के रिपोर्ट के अनुसार, आईएस के बघुज से लगभग 30000 लोग अल-हाउल कैंप में स्थानांतरित किए गए हैं।
शिविरों में क्षमता से ज्यादा नए सदस्यों के आने की वजह से सटीक आंकड़े जुटाने के साथ खाद्य आपूर्ति करने और आश्रय प्रदान करने में भी परेशानी हो रही है।
यहां के बच्चों का यह हाल कई देशों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। इनमें वे देश शामिल हैं, जहां के कई नागरिक आईएस से जुड़ने के लिए भागकर आए थे और अब लौटना चाहते हैं।
यूनिसेफ के मध्य-पूर्वी क्षेत्रीय निदेशक गीर्ट कैपलैरे का कहना है कि सीरिया के कैंप में रह रहे कई ऐसे बच्चे हैं, जिनकी जिंदगी खतरे में है।
उन्होंने बताया, “हमारे आंकड़ों के मुताबिक करीब 3000 विदेशी बच्चे अत्यंत भयावह हालात में जी रहे हैं।”
बदकिस्मती से यहां कई ऐसे बच्चे हैं हैं, जो 6 साल से कम उम्र के हैं और उनके अभिभावक सीरियाई और इराकी हैं, जिन पर आईएस का तमगा लगा है। वे सभी बच्चे हैं, आतंकवादी नहीं।
ब्रिटिश महिला शमीना बेगम के नवजात शिशु की मौत के बाद बीते हफ्ते आईएस में अन्य देशों से शामिल महिलाओं ने बच्चों को जन्म न देने की प्रतिज्ञा ली। मालूम हो कि शमीना आज से चार वर्ष पहले जब वह 15 वर्ष की थी, तभी वह आईएस से जुड़ी थी।
बेगम की नागरिकता तब समाप्त कर दी गई थी, जब उसने एक साक्षात्कार में यूके से अपने संबंध बताए थे और देश से वापस घर बुलाने का आग्रह किया था।
वहीं कुर्दिश सेना ने दावा किया है कि बघुज से सभी महिलाएं और बच्चे जा चुके हैं।
आईएस द्वारा गुरुवार को जारी एक वीडियो में बघुज में रह रहे कई बच्चों को दिखाया गया है, लेकिन यह वीडियो कब का और कहां का है, यह जानकारी साफ नहीं हो सकी है।